भारतीय सेना की जासूसी करने के आरोप में एक व्यक्ति को भरूच से गिरफ्तार किया गया है. आरोपित भारतीय सेना की गुप्त जानकारियां पाकिस्तान भेज रहा था. बिहार के रहने वाले आरोपित प्रवीण कुमार मिश्रा को पाकिस्तान के एजेंट ने हनीट्रैप का शिकार बनाया और बाद में उससे जानकारियां हासिल करने लगा.
अहमदाबाद सीआईडी क्राइम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजकुमार पंडियन ने बताया कि आरोपित प्रवीण कुमार मिश्रा भरूच जिले के झगड़िया की केमिकल फैक्ट्री में काम करता था. वह एरोनॉटिकल इंजीनियर है, जिसने पढ़ाई पूरी करने के बाद हैदराबाद में डीआरडीओ को मटिरीयल्स सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करता था. सोशल मीडिया के जरिए वह सोनल गर्ग नामक आईएसआई हैंडलर के सम्पर्क में आया था. हैंडलर ने प्रवीण मिश्रा को हनीट्रैप में फंसाया. इसके बाद आईएसआई हैंडलर ने प्रवीण के पास से जानकारी मंगवानी शुरू की.
आरोप है कि प्रवीण ने अलग-अलग भारतीय एजेंसियों और कंपनियों की जानकारी आईएसआई हैंडलर को दी. ब्रह्मोस मिसाइल की भी जानकारी दी. अंकलेश्वर की एक कंपनी के डीआरडीओ को मटिरियल्स आपूर्ति करने के संबंध में भी जानकारी भेजी. प्रवीण ने अंकलेश्वर की एक कंपनी के कम्प्यूटर में मालवेयर भेजने का भी प्रयास किया, जिससे कंपनी की सभी संवेदनशील जाकनारी प्राप्त की जा सके.
एमआई उधमपुर यूनिट से मिले इनपुट के आधार पर सीआईडी क्राइम ने ऑपरेशन शुरू किया. जांच में भारत के विरुद्ध षड्यंत्र के तहत सेना के सेवानिवृत्त और कार्यरत कर्मचारियों, डीआरडीओ, एचएएल और भारत की मिसाइल सिस्टम निर्माण और पार्ट्स के रीसर्च एंड डवपलमेंट के साथ जुड़े कर्मचारियों के वाट्सएप या मैसेज, वाइस कॉल आदि के जरिए जानकारी हासिल करने का हैरतअंगेज खुलासा सामने आया. इसके आधार पर पाकिस्तान इन्टेलिजेंस एजेंसी के ऑपरेटिव के सम्पर्क में रहने वाले प्रवीण कुमार मिश्रा की देश की सुरक्षा से जुड़ी अतिसंवेदनशील जानकारी भेजने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. मामले में 20 से अधिक संदिग्ध रडार पर हैं, उन्हें भी जांच के दायरे में रखते हुए ऑपरेशन जारी रखा गया है.
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हिन्दुस्थान समाचार
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