फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के लिए शुक्रवार 10 मई को वोटिंग हुई. इसमें भारत ने फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्या बनाने संबंध प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है. भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उस मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें कहा गया है कि फिलिस्तीन इस वैश्विक संस्था का पूर्ण सदस्य बनने के योग्य है और उसे सदस्यता दी जानी चाहिए. भारत समेत 143 देशों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा के विशेष सत्र की सुबह आपातकालीन बैठक हुई, जहां मई महीने के लिए महासभा के अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात ने वैश्विक संस्था में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के समर्थन में अरब समूह का प्रस्ताव ‘संयुक्त राष्ट्र में नए सदस्यों का प्रवेश’ प्रस्तुत किया. भारत समेत 143 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, विरोध में नौ वोट पड़े जबकि 25 सदस्य अनुपस्थित रहे.
प्रस्ताव में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद 4 के अनुसार फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के लिए योग्य है और इसलिए उसे सदस्यता दी जानी चाहिए.
इस प्रस्ताव पर फिलिस्तीनी के राजदूत रियाद मंसूर ने मतदान से पहले महासभा के सामने कहा कि फिलिस्तीनी शांति चाहते हैं, आजादी चाहते हैं. हां का वोट फिलिस्तीनियों के अस्तित्व के लिए है. उन्होंने कहा ये प्रस्ताव किसी के खिलाफ नहीं बल्कि शांति के लिए है.
तो वहीं इजरायली राजदूत गिलाद एर्दान ने आक्रोश दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र चार्टर को खारिज कर दिया. एर्दान ने इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन बताया और कहा कि इसने पिछले महीने सुरक्षा परिषद में अमेरिकी वीटो को पलट दिया. एर्दान ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर की धज्जियां उड़ाते हुए महासभा के सदस्यों के लिए आईना दिखा रहे हैं.
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