सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने अपने शिष्य अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है. अन्ना ने मतदाताओं से अपील की कि लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व पर सभी मतदाता इसमें भाग लें और सहीं व्यक्ति को ही वोट दें. उन्होंने कहा कि सत्ता की चाबी गलत हाथों में नहीं जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी ईमानदार व चरित्रवान व्यक्ति को ही वोट दें.
दरअसल, सोमवार को देश के 10 राज्यों की 96 लोकसभा सीटों पर चौथे चरण के चुनाव हैं. इस मौके पर अन्ना हजारे ने मतदाताओं को वोट देने के लिए प्रोत्साहित किया है और कहा है कि स्वच्छ उम्मीदवार चुनें. स्वच्छ छवि वाले राजनेता को चुने न कि उन लोगों को चुने जिनके पीछे प्रवर्तन निदेशालय पड़ा हुआ है.
अन्ना ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि मैं दिल्ली शराब घोटाला मामले में केजरीवाल की कड़ी आलोचना करता हूं. उन्होंने यह भ्रष्टाचार इसलिए किया क्योंकि वह शराब की लत में डूबे हुए थे. ऐसे लोगों को दोबारा नहीं चुना जाना चाहिए.
अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के रास्ते कब हुए अलग?
आपको बता दें कि अन्ना हजारे कभी केजरीवाल के गुरु हुआ करत थे. यूपीए सरकार के दौर में अन्ना हजारे के नेतृत्व में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले अन्ना हजारे ने अनशन किया था. उनके साथ अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण, कुमार विश्वास समेत तमाम लोग आंदोलन पर बैठे थे. अन्ना हजारे इस आंदोलन को गैर-राजनीतिक ही रखना चाहते थे, लेकिन इसके विपरीत अरविंद केजरीवाल और उनके कुछ साथियों ने राजनीतिक दल बनाने का फैसला किया. इसके बाद से ही अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल की राहें अलग हो गई थीं.
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