विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत में लोकसभा चुनाव को लेकर अमेरिका के झुठे दावों के माध्य से नकारात्मक छवि दिखाने के लिए अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स की कड़ी नींदा की और साथ ही भारत-ईरान के बीच हुए चाबहार समझौते को लेकर अमेरिका की धमकी का जवाब दिया है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर कोलकाता में अपनी किताब ‘Why Bharat Matters’ के बांग्ला संस्करण के लॉन्च कर रहे थें. इसी दौरान उन्होंने चुनावो को लेकर पश्चिमी देशों के भारत को दिए जा रहे ज्ञान को लेकर नाराजगी जताई साथ ही चाबहार पोर्ट पर हुए समझौते को लेकर अमेरिका की प्रतिक्रिया का भी जवाब दिया.
दरअसल, भारत-ईरान के बीच गत 13 मई को चाबहार समझौता हुआ था जिसके बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि कोई भी देश जो ईरान के साथ व्यापार सौदे को अंजाम दे रहा है, उन्हें संभावित सेंक्शन (प्रतिबंध) के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि, वेदांत पटेल ने यह भी कहा कि भारत सरकार को विदेश नीति पर अपनी बात रखने का पूरा हक है. दूसरी ओर ये भी कहा, “ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे और हम उन्हें लागू करना जारी रखेंगे.”
चाबहार समझौते पर अमेरिका की धमकी पर जयशंकर का जवाब
इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लोगों को इस समझौते को लेकर छोटी सोच नहीं रखनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह के विकास और उसके ऑपरेशनल होने से पूरे क्षेत्र को लाभ होगा. जयशंकर ने कहा कि पूर्व में अमेरिका ने खुद चाबहार बंदरगाह से होने वाले फायदों की सराहना भी की है.
लोकसभा चुनाव पर पश्चिमी मीडिया द्वारा खड़े किए सवाल का जवाब
जयशंकर ने लोकसभा चुनावों की पश्चिमी मीडिया में कवरेज पर भी सवाल उठाए और कहा, ‘उनके अखबार भारत को लेकर इतने नकारात्मक क्यों हैं? क्या इसलिए कि वो एक ऐसा भारत देख रहे हैं जो भारत के लिए उनकी बनाई छवि के जैसा नहीं है. वे लोग, विचारधारा या जीवन जीने का एक तरीका चाहते हैं… वे चाहते हैं कि उसी वर्ग के लोग इस देश पर शासन करें, और जब भारतीय आबादी इससे अलग महसूस करती है तो वो परेशान हो जाते हैं.’
जयशंकर ने इसे ‘दिमाग का खेल’ करार देते हुए पश्चिम पर कटाक्ष किया और कहा कि जो देश चुनाव नतीजे तय करने के लिए अदालत जाते हैं, वे भारत को उपदेश दे रहे हैं. उन्होंने कहा, “वे (समाचार पत्र) आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएंगे, कोई एक सूचकांक लाएगा और आपको उसमें डाल देगा…जिन देशों को अपने चुनाव के नतीजे तय करने के लिए अदालत जाना पड़ता है, वे हमें चुनाव कराने के तरीके के बारे में ज्ञान दे रहे हैं. यह दिमाग का खेल है जो दुनिया में हो रहा है.”
उन्होंने आगे कहा कि इतनी गरमी के बावजूद भी लोग बढ-चढ़ कर वोट करने पहुंच रहे हैं. उन्होंने पश्चिम पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मेरा सबसे कम मतदान सर्वोत्तम दौर में आपके उच्चतम मतदान से अधिक है.”
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