नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद से 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्म के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने की शुरुआत हो चुकी है. गुरुवार (16 मई) को देश की राजधानी दिल्ली में पहली बार सीएए के तहत 14 लोगों को भारत की नागरिकता का सर्टिफिकेट भी दिया गया.
दिल्ली में इन 14 शरणार्थियों को गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने CAA के तहत नागरिकता सर्टिफिकेट दिए. इसके अलावा सैकड़ों लोगों को ईमेल के जरिए सर्टिफिकेट भेजा गया. नागरिकता सर्टिफिकेट मिलने कें बाद से शरणार्थी काफी ज्यादा खुश हैं और उनका कहना है कि उन्हें एक नया जीवन मिला है. बहरहाल आइए समझते हैं कि नागरिकता सर्टिफिकेट मिलने के बाद से इन लोगों के जीवन में क्या कुछ बदलाव आने वाले है और भारत में अब उन्हें किस तरफ के अधिकार मिलेंगे.
भारत की नागरिकता मिलने के फायदे?
1. सामान अधिकार- भारत की नागरिकता मिलने वाले लोग अब शरणार्थी नहीं कहलाएंगे. उनके पास भी अब भारत के एक आम नागरिक जैसे सामान अधिकार होंगे.
2. वोट डाल सकेंगे- नागरिकता मिलने के बाद से अब ये लोग वोट डाल सकेंगे.
3. चुनाव लड़ सकेंगे- नागरिकता मिलने के बाद ये न सिर्फ वोट डाल सकेंगे बल्कि अब इन्हें चुनाव लड़ने का भी अधिकार मिल गया है.
4. संवैधानिक पद ले सकेंगे- भारतीय नागरिकता मिलने के बाद ये लोग अब यहां कोई भी संवैधानिक पद ले सकते हैं.
5. सरकारी योजनाओं का लाभ- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता मिलने के बाद अब ये लोग केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे.
6. मौलिक अधिकारों का फायदा- भारतीय नागरिकों को संविधान कुछ मौलिक अधिकार देता है. ऐसे में भारतीय नागरिकता पाने वाले शरणार्थी भी मौलिक अधिकारों का फायदा उठा सकते हैं.
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