अहमदाबाद: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के आदेश से गुजरात के सभी मदरसों का सर्वे शुरू किया गया है. इस दौरान शनिवार को दरियापुर के सुलतान के मोहल्ला स्थित सुल्तान सैयद मस्जिद में सर्वे कर रही टीम पर भीड़ ने हमला किया गया. करीब 10 लोगों की भीड़ ने टीम में शामिल बापूनगर के स्मृति स्कूल विद्यालय के शिक्षक संदीप पाटिल पर हमला किया. बताया गया कि शिक्षक सर्वे के बाद यहां का फोटो लेने की कोशिश कर रहा था, जिस पर 10 से अधिक लोगों ने हमला किया. बाद में वहां 100 से अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई. मामले में अहमदाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी समेत अधिकारी दरियापुर थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे.
शिक्षक संदीप पाटिल ने बताया कि जब वे अपनी टीम के साथ सुलतान के मोहल्ला स्थित सुल्तान सैयद की मस्जिद पहुंचे तो वहां मस्जिद बंद थी. उन्होंने फोटो लेने की कोशिश की. इस पर 10 से अधिक लोगों ने उनपर हमला कर दिया. बाद में 100-150 लोग वहां पहुंच गए. इसमें महिलाएं भी शामिल थीं. शिक्षक ने आरोप लगाया कि उसे गली में ले जाकर मार देने की धमकी दी गई. मुझे जो काम सौंपा गया था, उसके लिए मैं वहां गया था, अभी थाने में इसकी शिकायत कर रहा हूं.
दूसरी ओर आचार्य संघ के प्रमुख राकेश पंडया ने बताया कि यह घटना समाज के लिए बहुत ही दु:खद है. एक शिक्षक या आचार्य जनता के हित से जुड़ी जानकारी सरकार को उपलब्ध करवाने की कोशिश करती है. परंतु, संवेदनशील क्षेत्र में बिना किसी सुरक्षा के उन्हें भेज दिया जाए तो ऐसे में काम करना मुश्किल हो जाएगा. ऐसे मामलों में यदि हमें राज्य या केन्द्र सरकार से मांग करनी पड़ेगी तो हम करेंगे.
राज्य में 1200 मदरसा
समग्र राज्य में शिक्षा विभाग की ओर से मदरसों का सर्वे किया जा रहा है. इसके तहत बड़ी संख्या में मदरसों की मैपिंग की जा चुकी है. वहीं, कई जिलों में यह काम चल रहा है. जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव को समन्स भेजा है. इसमें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य के सभी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का सर्वे करने को कहा है. समन्स में उल्लेख किया गया है कि मदरसों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को सामान्य शिक्षा लेना अनिवार्य है. इस वजह से मदरसों में पढ़ाई करने वाले बच्चे सामान्य शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या नहीं इसके लिए सभी मदरसों का सर्वे किया जा रहा है. इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा विभाग को सौंपा जाएगा. स्कूल बोर्ड के शासनाधिकारी एल डी देसाई ने बताया कि धार्मिक शिक्षा के साथ ही बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने के संबंध में राज्य सरकार चिंतित है. देसाई ने बताया कि एनसीपीसीआर के परिपत्र के तहत राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने अहमदाबाद के अंदर बच्चों को जो धार्मिक शिक्षा दी जा रही है, इसमें उन्हें जो शिक्षा दी जा रही है, उसका सर्वे शुरू किया गया है. राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 के तहत बालकों को प्रकरण 2 की धारा 3 के तहत बच्चों को मुफ़्त में शिक्षा मिलनी चाहिए. बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जाए, इससे सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, बच्चों के मूलभूत अधिकार के तहत उन्हें प्राथमिक शिक्षा मिलनी चाहिए, इसकी चिंता राज्य सरकार कर रही है. सभी मदरसों में 2 सदस्यों की टीम सर्वे कर रही है. अधिकारियों के अनुसार राज्य में 1200 मदरसा है, जिसमें अहमदाबाद शहर में 175 और ग्रामीण क्षेत्र में 30 मदरसा शामिल है.
जिलों में चल रहा सर्वे का काम
गिर सोमनाथ जिले अलग-अलग टीम मदरसों का सर्वे कर रही है. राज्य सरकार की सूची के अनुसार गिर सोमनाथ जिले में कार्यरत मदरसों की संख्या 18 है. इसमें वेरावल में 12, कोडिनार में 4 और उना में 2 है. परिपत्र के अनुसार अभी तक 11 का सर्वे किया गया है. बनासकांठा में 97 मदरसों की सूची शिक्षा विभाग को दी गई है. इसमें डीसा में 5 मदरसों का सर्वे हो चुका है. इसी तरह साबरकांठा की 3 तहसलों में 6 टीम जांच करने पहुंची है. साबरकांठा जिला के खेडब्रहमा, पोशिना और विजयनगर में 6 टीम जांच कर रही है.
यह मांगी जा रही जानकारी
मदरसों का संचालन करने वाले व्यक्ति का नाम, ट्रस्ट या संस्था का नाम, मदरसा को मंजूरी देने वाली संस्था का नामम, मदरसा में कमरों की संख्या, धार्मिक शिक्षा देने का समय, शिक्षकों को वेतन देने के लिए वित्त का स्रोत, शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों की उम्र, अन्य स्कूलों में पढ़ाई करने वालो बच्चों की संख्या की जानकारी आदि.
हिन्दुस्थान समाचार
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