माले: चीन ने श्रीलंका के बाद मालदीव को भी अपने कर्ज के जाल में फंसा लिया है, जिससे मालदीव सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है. ताजा घटनाक्रम में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से मालदीव को ऋण संकट के उच्च जोखिम की चेतावनी देने के बाद चीनी ऋण चुकाने के लिए मालदीव रास्ता तलाश रहा है. उसने इसे लेकर चीन से ऋण पुनर्गठन कर राहत देने की अपील की है.
चीन ने कहा है कि मालदीव सरकार द्वारा वर्तमान में चीन से लिए गए कर्ज पर ऋण पुनर्भुगतान में कुछ आसानी प्रदान करने पर देशों के बीच चर्चा हो रही है. हालांकि, मालदीव में चीन की राजदूत वांग लिक्सिन ने कहा कि ऋण पुनर्गठन कोई समाधान नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से मालदीव को बीजिंग से आगे वित्तीय सहायता मांगने में बाधा उत्पन्न होगी. राजदूत वांग ने कहा कि चीन और मालदीव की तकनीकी टीम इस मुद्दे की जिम्मेदारी संभाल रही है. वांग ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि चीन मालदीव को ऋण जाल में डाल रहा है और इस बात पर जोर दिया कि चीन ने हमेशा मालदीव का सम्मान किया है. साथ ही देश में चल रही परियोजनाएं चीन के लिए लाभ या लाभ के किसी भी उद्देश्य से संचालित नहीं की जा रही हैं.
आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि मालदीव की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का चीन की सेवा आयात की मांग के साथ गहरा संबंध है, जो दर्शाता है कि चीनी बाजार मालदीव के विकास का प्रमुख वाहक बना रहेगा, जो मालदीव के विकास के लिए जोखिम पैदा कर सकती है.
हिन्दुस्थान समाचार
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