चीन के कर्ज के चक्कर में आकर कई देश बर्बाद हुए हैं और अब एक और नाम इस फेहरिस्त में जुड़ गया है. चीन को अपना आका मानकर धौंस जमाने का प्रयास करने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चारो खाने चित हो गए हैं. 2-3 महीने पहले मुइज्जू हर जगह कहते फिरते थे कि चीन मालदीव के ऊपर से कर्ज उतारने में मदद करेगा और उसने जो कर्ज दिया है उसके घटा देगा और लौटाने की अवधी भी बढ़ा देगा. लेकिन चीन ने मालदीव का कर्ज उतारना तो दूर बल्कि अपने कर्ज का एक-एक पाई लौटाने की बात कही है. चीन ने मालदीव को जो कर्जा लौटाने के अवधी बढ़ाने का वादा किया था उससे भी मुकर गया है.
मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद मोहम्मद मुइज्जू अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन गए थे और लौटने के बाद कई बड़े-बड़े बयान दिए थे. हालांकि, पाकिस्तान और श्रीलंका के बाद अब मालदीव को चीन ने अपना शिकार बना लिया है. चीन की राजदूत वान लिक्सिन ने साफ-साफ स्पष्ट कर दिया है कि चीन ने जो कर्ज दिए हैं उसमें किसी भी तरह का कोई छूट नहीं देगा और ना ही लौटाने के लिए अवधी बढ़ाएगा.
मालदीव में इंडिया आउट का नारा लगाने वाले वाले मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी. उनके मंत्रीमंडल के कई मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी किए थे. लेकिन भारत फिर भी मालदीव की मदद करने से पीछे नहीं हट रहा है. हाल ही में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत आए थे और इस दौरान उन्होंने भारत की ओर से दिए गए कर्ज को लौटाने की तारीख बढ़ाने की अपील की थी और भारत ने तुरंत मालदीव को दिए गए कर्ज लौटाने की अवधी बढ़ा दी.
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