मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर हाईकोर्ट में सोमवार दोपहर बहस चली. अदालत में सुनवाई के दौरान श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह के पक्षों ने अपने पक्ष रखे. कोर्ट ने 21 मई को अगली सुनवाई निर्धारित की है.
हाईकोर्ट में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह प्रकरण को लेकर सूट संख्या 5 व 15 की सुनवाई हुई. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से अधिवक्ताओं ने अपना अपना पक्ष रखा. मुकदमे में वादी व अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुस्लिम पक्ष द्वारा सेवन रूल इलेवन के तहत लिमिटेशन एक्ट आदि पर बहस की गई.
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता. उनके द्वारा अदालत में इतिहास की कई किताबों के आधार पर पक्ष रखा गया है. मस्जिद की दीवारों पर आज भी मंदिर होने के साक्ष्य उपलब्ध हैं. नगर निगम का रिकार्ड भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है.
मुकदमे के वादी आशुतोष पांडे ने बताया कि विपक्षियों का 1 से 18 तक के वाद में कोई वकालतनामा दाखिल नहीं है. न्यायालय ने उनकी आपत्ति का संज्ञान लिया और सुन्नी सेंट्रल वक्फबोर्ड को वकालतनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही कहा है कि किसकी अनुमति से उनके द्वारा वकालतनामा अदालत में दाखिल किया गया है. उसका एक पत्र बोर्ड की ओर से न्यायालय को दिया जाए. इस पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपनी गलती स्वीकार की है.
शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव व अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि सूट संख्या 5 व 15 में दोनों पक्षों की ओर से बहस की गई. मुस्लिम पक्ष की ओर से सेवन रूल इलेवन के तहत लिमिटेशन एक्ट, प्लेस आफ वर्शिप एक्ट आदि के तहत बहस की गई. हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा उनकी बहस का जवाब दिया. मंगलवार को दोपहर 2 बजे से अदालत में फिर से सुनवाई होगी.
मंगलवार सूट नम्बर चार पर होगी बहस : दिनेश शर्मा
श्रीकृष्णा जन्मभूमि मंदिर का केस लड़ रहे पक्षकार दिनेश शर्मा ने बताया कि लगभग सभी सूट पर बहस पूरी हो चुकी है, मंगलवार आज सूट नंबर चार पर बकाया बहस होगी. दिनेश शर्मा ने कहा कि मुस्लिम पक्ष बार-बार उन्ही दलीलों को पेश कर रहा है जो मथुरा न्यायालय में जिन पर बहस कर चुका है, मुस्लिम पक्ष के पास नया कुछ नहीं है बताने को, वह पुरानी बातों को रिपीट करता रहता है.
उन्होंने कहा मुस्लिम पक्ष के पास बिजली का बिलटी नहीं है और नहीं पानी का बिल है जिसको वह दिखा सकें, वह केवल कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए काले कानून वरशिप एक्ट 1991 को आधार मानकर चल रहा है. हिंदू पक्ष चाहता है कि ज्ञानव्यापी की तरह मथुरा में ईदगाह मस्जिद का सर्वे हो जाए और दूध का दूध पानी का पानी हो जाए. जिससे हिंदुओं को न्याय मिल सके.
उन्होंने कहा मथुरा ईदगाह मस्जिद में वह सभी हिंदू मंदिर के साक्ष्य मौजूद हैं, मस्जिद में शंखपुष के निशान है,शेषनाग का निशान है, सुदर्शन चक्र निशान, कमल का निशान है, प्राचीन कलाकृतियों के निशान है.
उन्होंने कहा कि मुगल शासको ने भगवान श्री कृष्ण के भव्य मंदिर को तोड़ करके यह विवादित ढांचा बना दिया था, जिसको हटाने के लिए हम न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे हैं, उन्होंने कहा उनको संविधान पर विश्वास है,एक न एक दिन वह लड़ाई अवश्य जीतेंगे,क्योंकि न्यायालय भी सबूत के आधार पर फैसला करता है और सबूत हिन्दू मंदिर के ईदगाह में मौजूद हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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