लोकसभा चुनावों की वोटिंग के आंकड़े सार्वजनिक करने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनवाई की गयी है. सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका पर तुरंत सुनवाई से इंकार किया है साथ ही कोर्ट ने कहा कि छठे चरण का चुनाव होना है, ऐसे में सुनवाई पूरा चुनाव करने के बाद ही कहा गया है.
पिछले लंबे वक्त से लोकसभा चुनावों में वोटिंग के आंकड़े जारी करने को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से गड़बड़ होने के आरोप थे. इनमें से ज्यादातर दलों का मानना है कि चुनाव वाले दिन जो वोटिंग प्रतिशत दिखाया जाता है वो कुच और होता है और जो इलेक्शन कमीशन की तरफ से बाद में जारी किया जाता है वो कुछ और. इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए यह मांग की गयी थी कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर फॉर्म 17C एक कॉपी अपलोड़ करने का आदेश दिया जाए.
दरअसल यह इस पूरे मामले के अंतर्गत एसोसिएशन की तरफ से डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और तृणमूल की नेता महुआ मोइत्रा की तरफ से याचिका डाली गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र की बेंच की तरफ से सुनवाई की गई. उनकी तरफ से याचिका की टाइमिंग को सही नहीं बताया क्योंकि अभी चुनाव चल रहे हैं. वहीं चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि यह अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है. यह एक क्लासिक केस और देश में इस वक्त चुनाव हो रहे हैं.
दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका दायर करने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया. जस्टिस दीपांकर दत्ता की तरफ से पूछा गया कि यह याचिका चुनावों के शुरू होने के बाद ही क्यों दायर की गई. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से याचिका को लंबित रखा है साथ ही कहा गया है कि चूंकि अभी चुनाव चल रहे हैं और यह अपने अंतिम चरण में हैं. ऐसे में फिलहाल कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा.
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