लखनऊ: सीएम सिटी गोरखपुर का देश और प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान है. 2018 के उपचुनाव को छोड़ दे तो इस सीट पर पिछले तीन दशक से भाजपा काबिज है. गोरखपुर संसदीय सीट पर अब तक हुए 19 चुनाव में सबसे छोटी जीत कांग्रेस और सबसे बड़ी जीत भाजपा के खाते में दर्ज है. बता दें, 1952 में अस्तित्व में आई गोरखपुर सीट पर 1970 और 2018 में उपचुनाव हुआ है.
3260 मतों से जीते कांग्रेस के सिंहासन सिंह
गोरखपुर सीट पर अब तक कांग्रेस 6 बार जीत दर्ज की है. 1984 में आखिरी बार इस सीट से कांग्रेस को खुशी का समाचार प्राप्त हुआ था. इसके बाद से जीत का सूखा जारी है. तीसरी लोकसभा के लिए साल 1962 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस के सिंहासन सिंह जीतकर सांसद बने. सिंहासन सिंह को 68,258 (33.87 प्रतिशत)वोट मिले. दूसरे स्थान पर रहे हिन्दू महासभा के प्रत्याशी महंत दिग्विजयनाथ के खाते में 64,998 (32.25 प्रतिशत)वोट आए. 3260 मतों के अंतर से सिंहासन सिंह ने जीत दर्ज की. इस चुनाव में कुल 8 प्रत्याशी मैदान में थे. कुल 201,558 वोटरों ने अपने मताधिकार को प्रयोग इस चुनाव में किया. चुनाव में 51.19 फीसदी वोटिंग हुई.
तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीते योगी आदित्यनाथ
उप्र के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर संसदीय सीट का पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 2014 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी योगी आदित्यनाथ का मुकाबला राजमती निषाद से था. योगी आदित्यना के खाते में 539,127 (51.80 प्रतिशत) वोट आए. वहीं दूसरे स्थान पर राजमती को 226,344 (21.75 प्रतिशत) वोट मिले. योगी आदित्यनाथ ने 3 लाख 12 हजार 783 वोटों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की. गोरखपुर सीट पर ये अब तक की सबसे बड़ी जीत के तौर पर दर्ज है. इस चुनाव में 15 प्रत्याशी मैदान में थे. 10 लाख 40 हजार 199 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग इस चुनाव में किया. चुनाव में 54.64 फीसदी वोटिंग हुई. गौरतलब है, 2019 में भाजपा के रवि किशन 3 लाख 1 हजार 664 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. योगी आदित्यनाथ का सबसे बड़े अंतर से जीत का रिकार्ड रवि किशन तोड़ नहीं पाए.
हिन्दुस्थान समाचार
कमेंट