कम्युनिस्ट देश चीन में मुस्लिमानों की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है. चीन हर दिन अपनी नई-नई नीतियों के तहत मुसलमानों को रौंदने का प्रयास कर रहा है. सिंक्यांग में हो रहे दमन से तो पूरी दुनिया वाकिफ है लेकिन देश में मौजूद कई पुरानी मस्जिदों पर भी अब गाज गिरनी शुरू हो चुकी है.
वैसे तो चाइना में इस्लामी मजहब के चीनीकरण की कोशिश आज से नहीं बल्कि बरसों से हो रही है और यही कारण है कि वहां अरबी की तालीम की बजाय चीनी भाषा में तालीम लेना अनिवार्य कर दिया गया है. यहां तक कि वहां मस्जिदें भी चीनी शक्ल की ढाल में बनाए जा रहे हैं. वहां के मुस्लिमों का तेजी से चीनीकरण हो रहा है लेकिन इसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत किसी की नहीं होती है.
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