लखनऊ: पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटी चंदौली लोकसभा सीट पिछले दो चुनावों में भाजपा का कमल खिला है. पूर्वांचल में इस सीट पर भाजपा हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रही है. भाजपा इस सीट पर पहले भी जीत की हैट्रिक लगा चुकी है. बता दें, इस सीट पर अब तक हुए 16 चुनाव में सबसे ज्यादा 5 बार भाजपा जीती है.
चंदौली सीट पर पहला चुनाव 1957 को हुआ. पहले दो चुनाव कांग्रेस ने जीते. 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने कांग्रेस की जीत की हैट्रिक नहीं बनने दी. 1971 में कांग्रेस ने जीत के साथ वापसी की. लेकिन 1977 में भारतीय लोकदल और 1980 में जनता पार्टी ने कांग्रेस को धूल चटाई. 1984 में आखिरी बार यहां कांग्रेस जीती. 1989 में जनता दल ने विजय परचम फहराया.
भाजपा ने लगाई जीत की हैट्रिक
चंदौली में 10वीं लोकसभा के लिए वर्ष 1991 में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा½ की टिकट पर आनन्द रत्न मौर्य ने जीत का कमल खिलाया. इस चुनाव में आनन्द ने जनता दल के कैलाश नाथ सिंह यादव को शिकस्त दी.
1996 के चुनाव में दूसरी बार भाजपा के आनन्द रत्न मौर्य जीतने में कामयाब रहे. आनन्द ने समाजवादी पार्टी (सपा) के कैलाश नाथ सिंह यादव को हराया. आनन्द को 189179 वोट मिले. वहीं कैलाश यादव को 158028 वोट हासिल हुए.
12वीं लोकभा के लिए 1998 में हुए आम चुनाव में आनन्द रत्न मौर्य तीसरी बार कमल निशान के साथ चुनाव मैदान में उतरे. कैलाश ने सपा के जवाहर लाल जायसवाल को मात दी. इस चुनाव में जीत के साथ आनन्द रत्न मौर्य ने जीत की हैट्रिक पूरी की. इस सीट पर अब तक ये रिकार्ड भाजपा के आनन्द रत्न के नाम दर्ज है. 1999 के आम चुनाव में सपा के जवाहर लाल जायसवाल ने भाजपा के आनन्द रत्न मौर्य को शिकस्त देकर उनका विजयरथ रोक दिया.
दूसरी हैट्रिक की तैयारी में भाजपा
1998 में मिली आखिरी जीत के बाद 2014 के आम चुनाव में भाजपा के डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने जीत का कमल खिलाया. डॉ. पाण्डेय को 414,135 वोट मिले. वहीं दूसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी अनिल कुमार मौर्य को 257,379 वोट मिले. डॉ. पाण्डेय ने 1 लाख 56 हजार 756 वोट के अंतर से जीत हासिल की. इस चुनाव में कुल 21 प्रत्याशी मैदान में थे. कुल 9 लाख 80 हजार 572 वोटरों ने चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चुनाव में 61.55 फीसदी वोटिंग हुई.
17वीं लोकसभा के चुनाव में डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय दूसरी बार कमल निशान के साथ चुनाव मैदान में उतरे. इस चुनाव में उनका मुकाबला सपा के संजय सिंह चौहान से था. कांटे के मुकाबले में करीब 14 हजार मतों से डॉ. पाण्डेय ने जीत हासिल की. इस चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था, और ये सीट सपा के खाते में थी. डॉ. पाण्डेय को 510,733 वोट मिले. वहीं सपा प्रत्याशी के खाते में 496,774 वोट आए. इस चुनाव में 10 लाख 84 हजार 961 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चुनाव में 61.76 फीसदी वोटिंग रिकार्ड हुई.
2024 के जीत की दूसरी हैट्रिक की तैयारी में भाजपा
चंदौली सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने के भाजपा ने तीसरी बार मोदी सरकार के मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय पर विश्वास जताया है. पिछले दो चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी का इस सीट पर जबरदस्त असर दिखा था. इस बार भी वादों, दावों और मुद्दों से इतर इस सीट पर भाजपा को जीत के लिए मोदी का ही सहारा है. चंदौली में डॉ. पाण्डेय जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रहे हैं. सपा हैट्रिक रोकने की कोशिश में है. बसपा ने सतेंद्र मौर्य को मैदान में उतारकर समीकरणों को दिलचस्प बनाने की कोशिश की है. बहरहाल यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच ही है. अब यह देखना अहम होगा कि भाजपा जीत की दूसरी हैट्रिक लगाकर इतिहास रचती है या विपक्ष की विपक्ष यहां भारी पड़ेगा. बता दें, इस चुनाव में कांग्रेस-सपा का गठबंधन है. ये सीट सपा के खाते में है. बसपा इस बार अकेले मैदान में है.
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हिन्दुस्थान समाचार
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