प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान गुरुवार (30 मई) को शरारती तत्वों ने रैली स्थल से महज तीन किलोमीटर की दूरी से निकल रही नहर के गेट खोलकर पानी छोड़ दिया. इस वजह से आसपास के इलाकों में पानी जमा हो गया. तत्काल हरकत में आए प्रशासन ने हैलीपेड की तरफ जाने वाले रास्तों पर जेसीबी से गढ्ढे करके पानी का बहाव मोड़ा. जिला उपायुक्त कोमल मित्तल ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को पंजाब दौरे पर थे. रैली स्थल से तीन किलोमीटर दूर बस्सी गुलाम हुसैन कंडी कनाल नहर निकलती है. नहर के नजदीक ही पीएम के हेलीकॉप्टर को उतारने के लिए हैलीपैड बनाया गया था. प्रधानमंत्री के आने से कुछ देर पहले किसी ने नहर का फाटक (गेट वॉल्व) खोल दिया. इस वजह से नहर का पानी तेज गति से निकलने लगा और आसपास के इलाकों में सड़क पर भी पानी आ गया. प्रशासन के अधिकारियों ने स्थिति को संभालते हुए आनन-फानन में पानी का बहाव रोकने के लिए जेसीबी से गढ्ढे खुदवाए, जिससे पानी हैलीपेड तक नहीं जा सका.
भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद ने कहा है कि उन्हें किसी कार्यकर्ता से इस बारे में सूचना मिली. उस समय पानी रैली स्थल की तरफ बढ़ रहा था और करीब दो किलोमीटर का फासला था. सूचना मिलने पर उन्होंने तुरंत जिला उपायुक्त कोमल मित्तल को सूचित किया. होशियारपुर की जिला उपायुक्त कोमल मित्तल ने कहा कि उन्होंने नहरी विभाग से रिपोर्ट तलब कर ली है. यह बेहद संवेदनशील मामला है. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले पंजाब में 5 जनवरी, 2022 को प्रधानमंत्री मोदी फिरोजपुर में रैली के लिए आ रहे थे. उस समय जब उनका काफिला फिरोजपुर के प्यारेआणा गांव तक पहुंचा तो उससे पहले ही किसानों ने सड़क जाम कर दी. करीब 15 मिनट तक पीएम का काफिला इसी फ्लाईओवर पर रुका रहा.
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हिन्दुस्थान समाचार
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