कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शनिवार सुबह 7 से राज्य की नौ लोकसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है. इस बीच जगह-जगह से हिंसा की खबरें भी आने लगी हैं. सबसे विकट परिस्थिति जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के दक्षिण 24 परगना जिले की है. दक्षिण चौबीस परगना के भांगड़ इलाके में बम फेंके जाने की खबर है. तो वहीं शनिवार सुबह जयनगर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत कुलतली इलाके में मतदान प्रक्रिया में व्यवधान डालने की कोशिश की गई. यहां ईवीएम को फेंक दिया गया.
TMC समर्थकों ने EVM को तालाब में फेंका
दरअसल, आरोप है कि कुलतली इलाके में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समर्थित बदमाशों ने लोगों को मतदान करने से रोका साथ ही ईवीएम और वीवीपैट मशीन को ही तालाब में फेंक दिया. घटना के मद्देनजर स्थिति संभालने जब पुलिस पहुंची तो ग्रामीणों ने उनकी गाड़ियों के आगे पेड़ों की शाखाएं फेंककर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
भांगड़ में बमबारी
जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भांगड़ के सतुलिया इलाके में हुए हिंसक झड़प में आईएसएफ और टीएमसी के करीब 10 कार्यकर्ता घायल हुए हैं. आईएसएफ प्रत्याशी की कार पर हमले का आरोप तृणमूल कार्यकर्ताओं पर लगा है. कार में तोड़फोड़ की गई है.आईएसएफ प्रत्याशी उस टूटी कार को लेकर रात में भांगड़ थाना पहुंचे. हालांकि पुलिस पर आरोप है कि कोई कार्रवाई नहीं की गई.
गौरतलब है कि आईएसएफ-तृणमूल संघर्ष में भांगड़ ब्लॉक नंबर 1 का रानीगाछी इलाका शुक्रवार को रणक्षेत्र बन गया था. उस घटना के कारण आईएसएफ एजेंट को पुलिस ने उठा हिरासत में ले लिया था. खबर पाकर आईएसएफ प्रत्याशी नूर आलम खान रात में रानीगाछी इलाके में आये थे. उस समय तृणमूल से जुड़े बदमाशों पर नूर आलम की कार का पीछा करने का आरोप लगा था. कथित तौर पर आईएसएफ उम्मीदवार की कार में भी तोड़फोड़ की गई. चुनाव आयोग से इस बारे में शिकायत दर्ज कराई गई है.
जादवपुर है हाई प्रोफाइल सीट
जादवपुर पश्चिम बंगाल की सबसे हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक है. जादवपुर सीट से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और पूर्व गृह मंत्री इंद्रजीत गुप्त जैसे कद्दावर वामपंथी नेता सांसद रह चुके हैं. पश्चिम बंगाल की मौजूदा सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी इसी सीट से अपना संसदीय करियर शुरू किया था. वर्ष 1984 के आम चुनाव में ममता ने इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर दिग्गज वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी को हराया था.
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