लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईशनिंदा के आरोप में पिछले सप्ताह हिंसक भीड़ द्वारा गंभीर रूप से घायल किए एक बुजुर्ग ईसाई व्यक्ति की मौत हो गई है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी.
कट्टरपंथी इस्लामवादी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में एक उग्र भीड़ ने 25 मई को लाहौर से लगभग 200 किलोमीटर दूर पंजाब के सरगोधा जिले के मुजाहिद कॉलोनी में ईसाई समुदाय के सदस्यों पर हमला किया, जिसमें दो ईसाई और 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए. भीड़ ने ईसाइयों के घरों और संपत्तियों को जला दिया और लूटपाट की.
पुलिस के अनुसार, भीड़ ने नजीर मसीह उर्फ लजार मसीह नामक बुजुर्ग ईसाई के घर और जूता फैक्ट्री को घेर लिया और उन पर कुरान के अपमान का आरोप लगाया. उग्र भीड़ ने जूता फैक्ट्री, कुछ दुकानों और कुछ घरों में आग लगा दी. एफआईआर में कहा गया है, “उन्होंने मसीह को भी बेरहमी से जला दिया, लेकिन समय पर भारी पुलिस बल के पहुंचने से मसीह और ईसाई समुदाय के 10 अन्य सदस्यों को बचा लिया गया.”
एफआईआर में कहा गया है कि जूता फैक्ट्री के बाहर कथित तौर पर पवित्र कुरान के कुछ पन्ने पाए गए, जिससे स्थानीय लोग भड़क गए. पुलिस ने बताया कि सरगोधा स्थित संयुक्त सैन्य अस्पताल (सीएमएच) में इलाज करा रहे मसीह की रविवार को मौत हो गई.
हिन्दुस्थान समाचार
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