उत्तर प्रदेश में लगातार मुस्लिम महिलाओं का भरोसा हिंदू धर्म पर बढ़ता ही जा रहा है. लागातार यहां युवतियां इस्लाम छोड़ सनातन धर्म अपना रही हैं. इस बार खबर यूपी के रुहेलखंड के बरेली की है. यहां रुखसार और गुलफ्शा ने सनातन की राह चुनते हुए घर वापसी कर ली है.
इन युवतियों ने घर वापसी करने के साथ-साथ हिंदू रीति-रिवाज के साथ विवाह कर लिया. रुखसार ने राधा बनकर अपने दोस्त कर्मेन्द्र मौर्या के साथ तो गुलफ्शा रोशनी बनकर अपने मित्र सूरज के साथ विवाह के बंधन में बंध गई.
रुखसार थाना नवाबगंज इलाके के गांव मैथी नवदिया की रहने वाली हैं, जबकि उसका जीवन साथी बने कर्मेन्द्र मौर्या थाना बहेड़ी के गांव सकरस के निवासी हैं. रुखसार और कर्मेन्द्र इससे पहले देहरादून की एक कंपनी में साथ काम करते थे. वहीं दोनों में दोस्ती हुई. रुखसार की शुरू से सनातन धर्म में आस्था थी. कर्मेन्द्र से दोस्ती के बाद उसने सनातन धर्म में घर वापसी का फैसला कर लिया. युवती के इस फैसले से उनके कट्टरपंथी परिवार दुश्मन बन गए हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं.
इसके अलावा सीतापुर जिले में शेखवापुर गांव की रहने वाली गुलफ्शा बदायूं के कटगांव निवासी सूरजपाल से विवाह कर लिया. वह पानीपत में सिलाई फैक्ट्री में काम करते थे. वहीं दोनों की मुलाकात हुई. दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगें और शादी का फैसला कर लिया. गुलफ्शा के परिवार वालों को जब इसका पता चला तो उन्होंने उसे छत से गिराकर मारने की कोशिश की. इस उत्पीड़न से परेशान आकर उसने घर छोड़ दिया. उसने सूरज के साथ बरेली में मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम आश्रम वैदिक रीति रिवाजों से
कमेंट