सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पानी के संकट के मामले पर सुनवाई टाल दी है. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने इस बात पर नाराजगी जताई कि दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट के आदेश के बावजूद याचिका की खामियों को दूर नहीं किया. मामले की अगली सुनवाई 12 जून को होगी.
आज सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश की तरफ से कहा गया कि दिल्ली सरकार की याचिका में जो त्रुटि थी वो अभी तक ठीक नहीं की गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि हम आपकी याचिका को खारिज कर देंगे. आपने हमारे आदेश के बाद भी याचिका की कमी को दूर नहीं किया जबकि आप मामले पर जल्द सुनवाई को लेकर आए थे. कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर 12 जून को सुनवाई करेगा.
अदालत ने कहा कि इस मामले पर जो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है, उसको फिलहाल देखा नहीं जा सका है. इसलिए इस मामले पर दो दिन बाद सुनवाई की जाएगी. उल्लेखनीय है कि 6 जून को सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को निर्देश दिया था कि वो 7 जून से हर दिन 137 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़े. कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह अपने क्षेत्र में पड़ने वाली नहर से पानी दिल्ली तक पहुंचने में सहयोग करें.
सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून को अपर यमुना रिवर बोर्ड से कहा था कि दिल्ली में जल संकट के मद्देनजर केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधियों की बैठक 5 जून को बुलायें. कोर्ट ने कहा था कि यमुना रिवर बोर्ड की बैठक में इस बात पर विचार हो कि दिल्ली वालों को कैसे जल संकट से निजात मिल सकती है. सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा था कि उसे दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने में कोई परेशानी नहीं है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि दिल्ली में पानी की बर्बादी भी अहम मुद्दा है. दिल्ली को दिए जाने वाले पानी में से 52 फीसदी की बर्बादी होती है, जिसमें टैंकर माफिया और इंडस्ट्रीज द्वारा पानी की चोरी भी बड़ी वजह है.
याचिका में दिल्ली में पानी की किल्लत को देखते हुए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी दिए जाने का निर्देश देने की मांग की गई है. दिल्ली सरकार ने भीषण गर्मी का हवाला देते हुए कहा है कि दिल्ली की पानी की जरूरत बढ़ गई है. ऐसे में देश की राजधानी में पानी की जरूरत पूरा करना सबकी जिम्मेदारी है इसलिए सीमावर्ती राज्य अतिरिक्त पानी दिल्ली को दे.
यह भी पढ़ें-29 OBC, 28 जनरल, 10 SC, 5 ST और 7 महिलाएं…कुछ ऐसी है मोदी कैबिनेट 3.0 की सोशल इंजीनियरिंग
हिन्दुस्थान समाचार
कमेंट