12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है और आज ही राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी NCPCR ने बिहार राज्य में बच्चों की तस्करी से जुड़े एक बहुत बड़े मामले का खुलासा किया है. NCPCR के अनुसार मदरसे में पढ़ाने के नाम पर बिहार में कम उम्र के बच्चों की यूपी समेत कई राज्यों में तस्करी की जा रही थी. जहां उन बच्चों से बाल श्रम करवाया जाता है.
दरअसल, आयोग ने बीते 26 अप्रैल को अयोध्या में पूर्णिया और अररिया के कुल 95 बच्चों को बरामद किए थे. बताया जा रहा है कि बरामद किए गए बच्चों को सहारनपुर के एक मदरसे में ले जाया जा रहा था. इसको लेकर आयोग ने एसओपी यानी मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है. आयोग ने सभी राज्यों को सचेत करते हुए कहा कि धार्मिक शिक्षा पर दूसरे राज्यों में बच्चों को ना भेजें. उन्हें अपने घर के पास के स्कूलों में ही दाखिला दिलाने के लिए कहा है.
बाल कल्याण समिति के अनुसार अयोध्या में जिन बच्चों को बरामद किया गया है उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि बस में 2 मौलवी थे जो उन्हें सहारनपुर के मदरसे में पढ़ाई के लिए ले जाने की बात कर रहे थे हालांकि, मौलवियों के पास मदरसे का कोई अधिकार पत्र भी नहीं था. इतना ही नहीं बरामद किए गए अभिभावकों के सहमति पत्र भी नहीं थी. बच्चों ने कहा कि मदरसे में उनसे ईंट ढुलवाई जाती थी और शौचालय साफ कराया जाता था. वहीं खाने के लिए दिन में केवल एक या दो ही रोटी दी जाती थी. बता दें कि बरामद किए गए सभी बच्चों को उनके अभिवावकों को सौंप दिया गया है.
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