राजधानी दिल्ली इन दिनों जल संकट से गुजर रही है. पाने के पानी की किल्लत को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मांग की गई थी कि पड़ोस के राज्य दिल्ली को पानी का सप्लाई दें. जिसके बाद आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त पानी न होने का हवाला देते हुए पानी देने से इनकार कर दिया.
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वाराले की अवकाश पीठ ने गुरुवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वे पानी की सप्लाई के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड (UYRB) से अपील करें. पीठ ने ये निर्देश तब दिया जब हिमाचल ने पानी की सप्लाई देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को शाम पांच बजे तक अपील करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि इससे पहले हिमाचल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसके पास अतिरिक्त पानी है जिसके बाद कोर्ट ने उसे दिल्ली को पानी मुहैया कराने का निर्देश दिया था. ये पानी हरियाण से होते हुए दिल्ली पहुंचना था. लेकिन अब हिमाचल ने अपनी बात से पलटते हुए अतिरिक्त पानी न होने की बात कही है.
पीठ ने राज्यों के बीच यमुना के पानी के बंटवारे को एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा बताया और कहा कि इस अदालत के पास वो तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है, जो इस पर फैसला कर सके. ऐसे में यह मामला उस निकाय पर छोड़ा जाना चाहिए, जिसका गठन विभिन्न पक्षों में समझौते के बाद एमओयू द्वारा साल 1994 में किया गया था.
पीठ ने कहा ‘अपर यमुना रिवर बोर्ड ने पहले से ही दिल्ली सरकार को पानी की सप्लाई के लिए एक याचिका दायर करने को कहा हुआ है. कोर्ट ने बोर्ड से इस मामले में कल बैठक कर जल्द से जल्द फैसला लेने के निर्देश दिए हैं.
कमेंट