नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद आज सुबह कुछ समय पहले स्वदेश लौट आए. जी-7 समिट के आउटरीच सेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में वैश्विक मुद्दों के अलावा विकसित भारत के निर्माण के संकल्प की प्रतिबद्धता दोहराई.
2047 तक विकसित भारत का निर्माण
उन्होंने कहा, “वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण हमारा संकल्प है. हमारा कमिटमेंट है कि समाज का कोई भी वर्ग देश की विकास यात्रा में पीछे न छूटे. यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है.” इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की सेल्फी सोशल मीडिया में पसंद की जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आतिथ्य-सत्कार के लिए प्रधानमंत्री मेलोनी का आभार व्यक्त किया.
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एकाधिकार को समाप्त करने का आह्वान
जी-7 सम्मेलेन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक नेताओं से प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एकाधिकार को समाप्त करने का शुक्रवार को आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसे रचनात्मक बनाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एकाधिकार समाप्त करने के महत्व पर विस्तार से बात की और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “हमें प्रौद्योगिकी को रचनात्मक बनाना होगा, विघटनकारी नहीं. तभी हम समावेशी समाज की नींव रख पाएंगे.” मोदी ने कहा कि भारत कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को लेकर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले शुरुआती कुछ देशों में शामिल है.
भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ जी-20 का स्थायी सदस्य बना
इससे पहले पीएम मोदी ने जो बाइडन, वोलोदोमीर जेलेंस्की, जार्जिया मेलोनी, ऋषि सुनक, जस्टिन ट्रूडो, यूएन महासचिव एंटोनियो गुटारेस समेत वैश्विक नेताओं से मुलाकात कर दि्वपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की.
मोदी ने इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन के संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देश वैश्विक अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी माना है. उन्होंने कहा, “इन प्रयासों में हमने अफ्रीका को उच्च प्राथमिकता दी है. हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी संघ को अपना स्थायी सदस्य बनाया है.”
AI के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शासन-प्रणाली के महत्व पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले वर्ष भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हमने एआई के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय शासन-प्रणाली के महत्व पर जोर दिया था.” उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण चार सिद्धांतों उपलब्धता, पहुंच, वहनीयता और स्वीकार्यता पर आधारित है. उन्होंने कहा, “हम 2070 तक ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. हमें मिलकर आने वाले समय को ‘हरित युग’ बनाने का प्रयास करना चाहिए.”
कमेंट