सऊदी अरब में होने वाली दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक हज यात्रा श्रद्धालुओं के लिए काल बन गया. यात्रा के दौरान गर्मी की वजह से इस बार लगभग 22 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. इस बीच एक वीडिया सामने आया है जिसमें तीर्थयात्रियों के शवों को सड़क के किनारे चिलचिलाती धूप में पड़े हुए दिखाए दे रहे है. जिसने सऊदी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए है.
रविवार को जॉर्डन की समाचार एजेंसी ने बताया था कि हज यात्रा पर गए देश के 14 श्रद्धालुओं की लू लगने से मौत हुई है. सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि गर्मी लगने के 2700 से ज्यादा मामले सामने आए हैं.
एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें कई शव सड़क के डिवाइडर और फुटपाथ पर रखे देखे जा सकते हैं. हालांकि, इस वीडियो के सोर्स की पुष्टि नहीं हुई है. मिस्र की तीर्थयात्री ने अजा हामिद ब्राहिम ने समचार एजेंसी एएफपी को बताया कि उन्होंने सड़क के किनारे पड़ी हुई लाशें देखीं.
बड़ी संख्या में मौतों और उसके बाद शवों को लेकर हो रही बदइंतजामी को लेकर सोशल मीडिया पर लोग सऊदी अरब सरकार की आलोचना कर रहे हैं.
सऊदी मौसम सेवा के अनुसार, सोमवार को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. इस स्थान पर तीर्थयात्री काबा की परिक्रमा करते हैं. ग्रैंड मस्जिद के पास स्थित मीना में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस था. इस जगह पर हज यात्रियों ने तीन कंक्रीट की दीवारों पर शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदा की. यहां गर्मी और भीड़ ने स्थिति को विकट बना दिया था. तीर्थयात्री गर्मी से बचने के लिए अपने सिर पर पानी की बोतलें उड़ेल रहे थे. शैतान को पत्थर मारने की रस्म को हज यात्रा के अंतिम चरण माना जाता है. इसके बाद श्रद्धालुओं की हज यात्रा समाप्त हो जाती है.
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि 14 जॉर्डनी तीर्थयात्रियों की अत्यधिक गर्मी की वजह से मौत हो गई, जबकि 17 अन्य लापता हैं. ईरान ने 5 हजयात्रियों की मौत की सूचना दी है लेकिन कारण नहीं बताया है. सेनेगल ने 3 की मौत की जानकारी दी है. सऊदी अरब में मौजूद इंडोनेशिया के एक स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया है कि हज के दौरान 136 इंडोनेशियाई तीर्थयात्रियों की मौत हुई है, जिनमें कम से कम तीन हीटस्ट्रोक से मर गए. बता दें कि इस बार भारत से 1 लाख 75 हजार यात्री हज यात्रा के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं.
कमेंट