दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डीपफेक वीडियो के मामले में गिरफ्तार अरुण रेड्डी को जमानत दे दी है. ड्यूटी जज आकांक्षा गर्ग ने कहा कि अरुण रेड्डी की हिरासत अवैध थी और आरोपित को अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत कोई नोटिस नहीं दिया गया.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया कि अरुण रेड्डी से पूछताछ के लिए तीन दिनों की हिरासत दी जाए. कोर्ट ने 06 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.
अरुण रेड्डी को 03 मई को गिरफ्तार किया गया था. अरुण रेड्डी ट्विटर हैंडल ‘स्पिरिट ऑफ कांग्रेस’ को संचालित करता है. अरुण रेड्डी कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल का नेशनल कोआर्डिनेटर है. पुलिस के मुताबिक अमित शाह के डीपफेक वीडियो बनाने में अरुण रेड्डी की भूमिका है. इस वीडियो को वायरल करने में भी उसकी खासी भूमिका है. अरुण रेड्डी पर मोबाइल से सबूत मिटाने का भी आरोप है. दिल्ली पुलिस ने रेड्डी का फोन जब्त कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा था.
लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को हटाने की बात कही थी. अमित शाह ने इसका खंडन करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा था. उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने तेलंगाना कांग्रेस के पांच सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.
हिन्दुस्थान समाचार
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