नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में आरोपित और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. ड्यूटी जज न्याय बिंदु ने दोनों पक्षों की ओर से दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.
गुरुवार को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि 45 करोड़ रुपये हवाला के जरिये दिए गए जिनका आम आदमी पार्टी ने गुजरात चुनाव में इस्तेमाल किया. चनप्रीत सिंह ने केजरीवाल के गोवा में सेवन स्टार होटल में ठहरने के लिए पैसे लिये. राजू ने सागर पटेल के बयान को पढ़ते हुए कहा कि चनप्रीत सिंह समेत तीन लोगों को पैसे मिले. चनप्रीत सिंह को बड़ी मात्रा में पैसे मिले जिन पैसों को केजरीवाल के ठहरने के लिए सेवन स्टार होटल और गोवा चुनाव में लिए खर्च किए गए. ईडी हवा में कुछ भी नहीं कह रही है. ईडी के पास करंसी नोट के फोटोग्राफ मिले हैं जो कि दिए गए थे. विनोद चौहान ने चनप्रीत समेत दूसरे लोगों को पैसे देने का निर्देश दिया था. करंसी नोट के फोटोग्राफ विनोद चौहान के फोन से मिले थे. चनप्रीत विनोद चौहान से फोन पर लगातार बातें करता था. विनोद चौहान के केजरीवाल से अच्छे संबंध थे. राजू ने विनोद चौहान और केजरीवाल के चैट्स का जिक्र किया.
राजू ने कहा कि केजरीवाल कहते हैं कि उनका फोन पवित्र है, मैं पासवर्ड नहीं दूंगा. ईडी को विनोद चौहान का फोन लेना पड़ा. राजू ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 70 के मुताबिक अगर आम आदमी पार्टी ने अपराध किया है और केजरीवाल आम आदमी पार्टी को चला रहे हैं तो वे उस अपराध के आरोपित माने जाएंगे. अनुच्छेद 70 उन पर लागू होती है क्योंकि वे आम आदमी पार्टी का संचालन करते हैं.
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि इस मामले में अगस्त 2022 में जांच शुरू हुई. जुलाई 2023 तक ईडी के पास केजरीवाल के खिलाफ कुछ साक्ष्य थे, लेकिन उन्होंने पहला समन अक्टूबर 2023 में जारी किया. केजरीवाल को सीबाआई ने गवाह के तौर पर बुलाया. 12 जनवरी को ईडी ने एक ईमेल किया. उस ईमेल में ये नहीं बताया कि केजरीवाल को आम आदमी पार्टी के संयोजक होने के नाते बुलाया जा रहा है. 16 मार्च को चुनाव की घोषणा होती है और उसी दिन समन जारी किए जाते हैं. 20 मार्च को हाई कोर्ट में मामला लिस्ट होता है और हाई कोर्ट ईडी को नोटिस जारी करती है. 21 मार्च को हाई कोर्ट ने कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया. उसके बाद 21 मार्च को शाम को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.
19 जून को कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दिया था. इसके पहले 5 जून को कोर्ट ने केजरीवाल की सात दिनों की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वो केजरीवाल के स्वास्थ्य संबंधी जरूरी टेस्ट कराएं. फैसला सुनाने के दौरान केजरीवाल के वकील ने उनके स्वास्थ्य पर चिंता जताई थी. तब कोर्ट ने कहा था कि आपको जब भी स्वास्थ्य की चिंता होगी आप कोर्ट आ सकते हैं.
कोर्ट ने 30 मई को केजरीवाल की अंतरिम और नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था. 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की सात दिन की अंतरिम जमानत के आवेदन को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा था कि चूंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है. इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की केजरीवाल की याचिका का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति भी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था. केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर किया था.
हिन्दुस्थान समाचार
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