तिब्बत से लगे सीमांत तीर्थ क्षेत्र आदि कैलाश में पार्वती सरोवर के किनारे शुक्रवार को अंतररास्ट्रीय योग दिवस के मौके पर खूब रौनक देखने को मिली. यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटीबीपी बीआरओ स्थानीय जनजाति के निवासियों के साथ योग किया.
आदि योगी भगवान शिव की पवित्र भूमि आदि कैलाश पर ‘योग’ का सुखद अनुभव..#InternationalYogaDay pic.twitter.com/aZgbj1cUw4
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 21, 2024
करीब 5385 फुट की ऊंचाई पर पार्वती ताल के सामने करीब 18 हजार फुट ऊंचे, आदि कैलाश पर्वत को भगवान शिव की धरती माना जाता है. बीते वर्ष यहां तक सड़क बन जाने के बाद पीएम मोदी ने आकर भगवान शिव की आराधना की थी. जिसके बाद से यहां तीर्थ यात्रियों का तांता लग गया है.
धामी ने इस पावन धरती पर योग किया और भक्तों से इस स्थान पर आकर कैलाश के दर्शन करने का निमंत्रण दिया तो वहीं सीमांत जनजाति के लोगों को इस क्षेत्र को प्राकृतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से संरक्षित करने और आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अतिथि देवो भव: के रूप में स्वागत करने का अनुरोध किया. साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा भी दिया और होम स्टे योजना में लोगों को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी की अपील की.
सीएम घामी ने कहा सीमांत क्षेत्र में वाइब्रेंट विलेज की कल्पना साकार हो रही है गुंजी जैसे गांव राष्ट्रीय क्षितिज पर दिखाई दे रहे हैं. धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी ने आखिरी गांवों को अब देश का पहला गांव घोषित किया है. उन्होंने कहा कि मोदी विजन से ही ये गांव आबाद हो रहे हैं अब स घाटी में आदि कैलाश, ॐ पर्वत, कैलाश दर्शन, काली मंदिर, व्यास गुफा आदि तीर्थ स्थलों के लिए हजारों श्रद्धालु हर साल यहां आने वाले हैं.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्री आदि कैलाश में योग कार्यक्रम के पश्चात पार्वती कुंड में देवाधिदेव महादेव और माँ पार्वती की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।
पार्वती कुंड से आदि कैलाश के दर्शन मन-मस्तिष्क को शांति एवं असीम आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान… pic.twitter.com/L8uBkKC9tO
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योगाभ्यास के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- आदि योगी भगवान शिव की पवित्र भूमि आदि कैलाश पर योग का सुखद अनुभव. उत्तराखंड योग और ध्यान की प्राचीन पद्धति इतिहास समेटे हुए है. प्रदेश सरकार राज्य को अंतरराष्ट्रीय योग हब बनाने की दिशा में प्रयासरत है. उत्तराखंड की भूमि ऋषियों की कर्मभूमि रही है. स्वतंत्रता के बाद उसी धार्मिक भूमि के संतों ने विदेशों में योग फैलाना शुरू किया. भारतीय संस्कृति में योग जीवन को सरल व स्वस्थ बनाने की कला है. इसे पूरे विश्व ने अपनाया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में प्राचीनकाल से ही योग किया जा रहा है. योग भारतवंशियों की संस्कृति से जुड़ा हुआ है. शरीर को स्वस्थ रखने में योग काफी असरदार होता है. रोजाना योगाभ्यास से शरीर फिट रहता है. विश्व में योग को पहचान दिलाने में भारत का अहम योगदान है.
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