नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने, सुचारु और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए सात विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. यह समिति दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. विशेषज्ञ पैनल के गठन का कदम राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) परीक्षा 2024 में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच उठाया गया है.
शिक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए सिफारिशें करेगी.
इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन सात विशेषज्ञों के पैनल का नेतृत्व करेंगे. टीम के अन्य सदस्यों में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीजे राव, आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस प्रो. राममूर्ति के, पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन प्रो. आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल शामिल हैं.
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं काे पारदर्शी, सुचारु और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने निम्नलिखित पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है.
हिन्दुस्थान समाचार
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