ओडिशा के केन्दुझर व मयुरभंज जिले में ईसाई मिशनरियों ने धोखधड़ी कर कई लोगों को ईसाई बना दिया था. हालांकि, ईसाई धर्म अपना चुके अनसूचित जनजाति वर्ग के दो परिवारों के 14 लोगों ने फिर से सनातन धर्म में घर वापसी कर ली है.
दरअसल, मयूरभंज जिले के महुलडिहा थाना क्षेत्र के झरझरी गांव में विश्व हिन्दू परिषद ने ग्रामीणों की मदद से एक कार्यक्रम का आयोजन किया और इसी कार्यक्रम में इन लोगों की घर वापसी कराई गई. विश्व हिन्दू परिषद द्वारा कराए गए इस घर वापसी कार्यक्रम में गांव वालों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. वहीं घर वापसी करने वाले लोगों ने कहा कि फिर से अपने मूल धर्म में वापसी करने के बाद उन्हें काफी ज्यादा खुशी हो रही है.
ऐसे कराया गया था धर्म परिवर्तन
घर वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि कुछ साल पहले उनके परिवार के एक व्यक्ति को बुखार था जो ठीक नहीं हो रहा था जिसके बाद उनके घर ईसाई पादरी आया और उसने कहा कि अगर वो लोग यीशू के शरण में आ जाएंगे तो स्वास्थय ठीक हो जाएगा. जिसके बाद पादरी ने कोई सफेद रंग का पाउडर दिया और पानी में मिलाकर पीने से स्वास्थय ठीक होने की बात कही. उसे लेने के बाद बीमार व्यक्ति ठीक हो गया, उसके बाद पादरी ने बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा दिया.
बाद में पता चला कि पादरी ने यीशू की विभूति बताकर जो पाउडर दिया था असल में वो पैरासिटामोल था. उसके बाद हमें अहसास हुआ कि ईसाई मिशनरियों ने हमारे साथ धोखा किया है. हमें अपने मूल धर्म से दूर जाने के बाद काफी कष्ट हुआ. जिसके बाद हमने विश्व हिन्दू परिषद से संपर्क कर सनातन धर्म में घर वापसी की इच्छा प्रकट की और अपने मूल धर्म में वापसी करने के बाद से हम काफी ज्यादा खुश हैं.
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