अफगानिस्तान का पड़ोसी और मुस्लिम बहुल देश ताजिकिस्तान ने हिजाब और बुर्के पर बैन लगाने वाला कानून पारित किया है. ताजिकिस्तान में 90 प्रतिशत मुस्लिम आबादी रहती है और इसकी परवाह किए बिना हाल ही में देश के संसद के उच्च सदन ‘मजलिसी मिल्ली’ के 18वें सत्र के दौरान हिजाब और बुर्के पर बैन लगाने वाला विधेयक पारित किया गया है.
इतना ही नहीं इस कानून के तहत इस्लाम के दो अन्य त्योहार, ईद अल-फितर और ईद अल-अजहा के दौरान विदेशी परिधानों और बच्चों के उत्सवों पर भी बैन लगा दिया गया है.
इस नए कानून के विधेयक पर बहस के दौरान ताजिकिस्तान संसद ने कहा कि महिलाओं के चेहरे को ढकने वाला बुर्का, ताजिक परंपरा या संस्कृति का हिस्सा नहीं है और इसलिए ताजिकिस्तान में ऐसे परिधानों पर प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी है.
गौरतलब है कि संसद में पारित होने के बाद इस नियम का उल्लंघन करते हुए ताजिकिस्तान में कोई महिला बुर्का और हिजाब पहनती दिखीं तो उन पर ताजिक मुद्रा 7,920 सोमोनी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि, कंपनियों को 39,500 सोमोनी तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. वहीं अगर सरकारी अधिकारियों और धर्मगुरुओं (मौलवियों) इस नियम का उल्लंघन करते हुए दोषी पाए जाते हैं तो उनको इससे भी अधिक जुर्माना देना पड़ सकता है. जानकारी के अनुसार अधिकारियों पर 54,000 तो धर्मगुरुओं पर 57,600 सोमोनी तक जुर्माना लगाया जा सकता है.
गौरतलब है कि ताजिकिस्तान में विवाह और अत्येष्टि भोज पर भी बैन लगा हुआ है. इसके अलावा इस्लामिक किताबों की बिक्री और दाढ़ी रखने पर भी प्रतिबंध हैं.
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