सऊदी अरब में इस साल अत्यधिक गर्मी के कारण काफी संख्या में हज यात्रियों को जान गंवानी पड़ी है. रविवार को सऊदी अरब की तरफ से इस संबंध में जानकारी दी गई कि हज यात्रा के दौरान इस साल कम से कम 1301 लोगों की मौत हुई है. इनमें भीषण गर्मी के चलते काफी संख्या में लोगों की जान गई. बीते सोमवार मक्का में तापमान 51.66 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मरने वालों में 98 भारतीय यात्री भी शामिल हैं. सबसे ज्यादा मिस्र के लोगों की मौत हुई है.
सऊदी अरब सरकार की तरफ से जारी की गई जानकारी के मुताबिक, इस साल भीषण गर्मी ने स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावित किया है. अफसोस की बात ये है कि इस दौरान 1,301 लोगों की मौत हो गई. सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुर्रहमान अल-जलाजेल के मुताबिक मरने वालों में 83 प्रतिशत लोग हज करने के लिए अनधिकृत थे और पर्याप्त आश्रय या आराम के बिना, सीधी धूप में लंबी दूरी तय कर रहे थे. मृतकों में बुजुर्ग और लंबे समय से बीमार लोग भी शामिल हैं. पहचान की प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि मरने वालों के पास अधिकृत दस्तावेज नहीं थे लेकिन अब सभी मृतकों की पहचान कर ली गई है.
मंत्री के अनुसार 95 हज यात्रियों का अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है, जिनमें से कुछ को राजधानी रियाद में इलाज के लिए हवाई मार्ग से ले जाया गया है. उन्होंने बिना कोई ब्यौरा दिए कहा कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया. इस साल सऊदी अरब प्रशासन ने दुनियाभर के 18 लाख लोगों को हज पर आने की इजाजत दी थी. इसमें सैकड़ों ऐसे यात्री भी शामिल हुए जिन्हें हज के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया था. जिसके चलते उन्हें हज यात्रियों जैसी सुविधाएं नहीं मिली. ऐसी स्थिति में वे खुले आसमान में रहने को मजबूर हुए. साथ ही उन्हें अधिकृत रूप से हाजियों को ले जाने वाली बसों में भी यात्रा का लाभ नहीं मिला. जिसके चलते ये लोग गर्मी का शिकार हो गए और कई लोगों की जान चली गई.
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में कहा गया कि हर साल की तरह इस साल भी एक लाख 75 हजार भारतीय श्रद्धालु हज करने के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं, इनमें 98 लोगों की मौत हो चुकी है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल 187 भारतीय नागरिकों की हज यात्रा के दौरान मौत हुई थी.
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हिन्दुस्थान समाचार
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