भोपाल: आत्मा की खोज और स्व चेतना अक्सर चिंतन के लिए प्रेरित करती है, सनातन हिन्दू संस्कृति जहां तक पहुंची है, इस दिशा में अभी विज्ञान को भी पहुंचने में अनेक वर्षों का सफर तय करना शेष है, ऐसे में जो स्वयं को बहुत गहराई से जानना चाहते हैं, वे आखिर सनातन संस्कृति के संपर्क में आकर अपनी खोज में इस तरह डुबकी लगाते हैं कि फिर उन्हें इससे अच्छा और आनन्ददायक कुछ और नहीं लगता है.
दरअसल, मध्य प्रदेश में महाकाल की नगरी उज्जैन में फरहानाज खान के साथ भी ऐसा ही हुआ, जब वह हिन्दू युवक अनिकेत के संपर्क में आई. जीवन को देखने का उसका नजरिया ही बदल गया. वहीं, हिन्दू सनातन धर्म में स्त्री के प्रति आदर-सम्मान एवं किसी बंधन में जबरन नहीं रखने के साथ पूजा स्थल में भी बराबर से मान देने जैसे अनेक हिन्दू संस्कृति के आचरण उसे सनातन की ओर गहराई से खींच लाई. जिसके बाद उज्जैन में इस तलाकशुदा मुस्लिम महिला ने अपनी 10 वर्षीय बेटी के साथ स्वयं को सनातन धर्म के लिए समर्पित कर दिया .
महिला ने सनातन धर्म की विवाह पद्धति एवं अन्य रीति-रिवाज के अनुसार रविवार को हिन्दू युवक अनिकेत से विधि पूर्वक विवाह कर लिया है . पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर स्थित सुमन आश्रम में विधि विधान गौरी-गणेश वंदन से आरंभ होकर यज्ञ के समापन एवं पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुई. इसी के साथ फरहानाज खान को अब नया नाम सोनाक्षी चौबे के रूप में नई पहचान मिली है . वहीं, उनकी दस वर्षीय बेटी जारा का नया नाम जान्हवी रखा गया है.
अपनी नई पहचान के साथ सोनाक्षी चौबे का विवाह होने के पश्चात कहना रहा कि वह पिछले तीन सालों से हिन्दू विवाह पद्धति के अनुसार अनिकेत से विवाह करना चाहती थी. लेकिन इसके लिए संयोग नहीं बन पा रहा था, पर जब उन्होंने विवाह के लिए मोनी तीर्थ आश्रम पर संपर्क किया और महाराज से विवाह करने की अनुमति मांगी, इसके लिए आवश्यक विधि करवाने के लिए आग्रह किया तो स्वामी जी ने इसे सहज स्वीकार्य कर लिया . इसके बाद उसने उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर के समीप स्थिति मौन तीर्थ में रविवार को सनातन धर्म अपना लिया और मौन तीर्थ के महामंडलेश्वर सुमनानंद ने फरहानाज खान को नया हिन्दू नाम देकर एक नई पहचान दी. फिर हिन्दू धर्म अपनाने के बाद सोनाक्षी ने युवक अनिकेत के साथ विवाह कर लिया.
इस संबंध में महामण्डलेश्वर स्वामी सुमनआनंद गिरी महाराज का कहना है कि सनातन में सभी के लिए द्वार खुले हुए हैं. सनातन हिन्दू धर्म वास्तव में एक संस्कार है, जोकि विज्ञान सम्मत है, इसलिए आज पूरी दुनिया इसके महत्व को स्वीकार कर रही है. उन्होंने कहा कि उक्त महिला सोनाक्षी और युवक अनिकेत दोनों ही उज्जैन के ही रहने वाले हैं. महिला का कई साल पहले निकाह हुआ था, किंतु वह चल नहीं सका. इस बीच उसकी बेटी जो अब तक दस साल की हो गई. फिर कुछ साल पहले ही उसका तलाक हो गया और वह अपनी बेटी के साथ अकेली ही रह रही थीं. इसी दौरान उनका अनिकेत चौबे से संपर्क आया एवं दोनों ही एक-दूसरे का हर बात में सम्मान करते देखे गए. अब अनिकेत ने फराह को सोनाक्षी के रूप में अपनी पत्नी और उसकी बेटी को अपनी पुत्री स्वीकार कर लिया है. विवाह के संबंध में इन दोनों ने ही पूरी प्रक्रिया के लिए नोटरी करा कर रजिस्टर कागज भी हासिल कर लिए हैं.
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हिन्दुस्थान समाचार
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