राजस्थान के कोटा- बूंदी सीट से सांसद ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बन चुके हैं. संसद में पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में ओम बिरला ने बाजी मार ली. उनके खिलाफ इंडिया ब्लॉक ने केरल के मवेलीकारा से 8 बार सांसद के. सुरेश को मैदान में उतारा था लेकिन सदन ने ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा का स्पीकर चुन लिया गया.
लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओम बिरला ने अपने पहले संबोधन में 50 साल पहले लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र किया और आपातकाल को देश के इतिहास का काला अध्याय बताया. उन्होंने इस दौरान सदन में 2 मिनिट का मौन भी रखवाया. ओम बिरला ने कहा कि आपाताकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने संविधान की भावनाओं को कुचलने का काम किया था.
लोकसभा स्पीकर ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर तानाशाही थोपने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने तानाशाही थोपी थी. भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया. ओम बिरला ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए. नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई. ये वो दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था.”
इतना ही नहीं स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह ऐसा कालाखंड है जो संविधान के ढांचे और न्यायिक स्वतंत्रता की आवश्यकता की याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि जब हम इमरजेंसी के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये सभा बाबा साहब के बनाए हुए संविधान की रक्षा की भावना को दोहराती है. हम संवैधानिक संस्थाओं में भारत के लोगों की आस्था की सराहना करते हैं.
ओम बिरला के इमरजेंसी पर दिए गए बयान से विपक्षी सांसदों ने बवाल कर दिया. इस दौरान विपक्षी सांसद खूब हंगामा करते रहे.
Lok Sabha Speaker Om Birla says "This House strongly condemns the decision to impose Emergency in 1975. Along with this, we appreciate the determination of all those people who opposed the Emergency, fought and fulfilled the responsibility of protecting the democracy of India.… pic.twitter.com/kCWDPQrKs2
— ANI (@ANI) June 26, 2024
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