AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में शपथ लेते समय जय भीम, जय मीम और जय फिलिस्तीन का नारा लगा दिया था. जिसके बाद वो चौतरफा घिरे नजर आ रहे हैं. इसे लेकर सियासत भी गरमा गई है. हालांकि ये शब्द सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है लेकिन कई वरिष्ठ वकील ओवैसी पर संविधान के अनुच्छेद 102(4) के तहत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट हरिशंकर जैन ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से असदुद्दीन ओवैसी को अयोग्य ठहराने की मांग की है. अगर इस कानून के तहत कार्रवाई होती है तो ओवैसी को संसद सदस्यता से हाथ धोना पड़ सकता है.
पहली बार किसी MP ने लिया दूसरे देश का नाम
आमतौर पर सांसद अपने राज्य और देश की ही बात करते रहे. वो संविधान और विधि के समक्ष काम करने की शपथ लेते हैं. लेकिन संसदीय इतिहास में ये पहला मामला है कि किसी एमपी ने दूसरे देश का नाम लिया है. संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू का कहना है कि नियम के मुताबिक आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे.
क्या कहता है अनुच्छेद 102
अनुच्छेद 102 के तहत कई ऐसे प्रावधान हैं जिनका अनुपालन नहीं करने पर कार्रवाई हो सकती है.
1. अगर कोई MP संसद में बताए गए पद के अलावा, भारत सरकार या किसी भी राज्य की सरकार के अधीन लाभ का कोई पद ले तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है.
2. अगर एमपी की मानसिक स्थिति खराब हो जाए और कोर्ट भी मान ले तो भी सदस्यता रद्द हो जाएगी
3. सांसद पर भारी कर्ज हो, और जो अपना उधार चुका पाने में सक्षम न हो और कोर्ट ने भी ये मान लिया हो.
4. जो भारत का नागरिक न हो, या जिसने अस्थाई तौर पर विदेशी देश की नागरिकता ले ली हो.
5. अनुच्छेद 102 के तहत दलबदलने पर भी सदस्यता छिन सकती है, लेकिन इसमें भी कई रियायते हैं. अगर कोई सांसद उस पार्टी की सदस्यता छोड़ दे, जिससे वह चुना गया है तो उसकी सदस्यता चली जाएगी
6. किसी और देश के प्रति निष्ठा जताने पर भी सदस्यता जा सकती है. यही वो नियम है जिसकी वजह से ओवैसी घिरे हुए हैं.
अन्य कारण जिनसे जा सकती है सदस्यता
अगर कोई सदस्य, संसद के दोनों सदनों के लिए चुन लिया जाता है तो उसे एक निश्चित समय के अंदर किसी एक सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना होता है. ऐसा न करने पर संसद सदस्यता छिन जाएगी.
किसी भी सदन का मेंबर अगर लगातार 60 दिनों तक बिना बताए अनुपस्थित रहे तो उसी सीट खाली मानी जा सकती है.
वहीं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर किसी एमपी को 2 या ज्यादा सालों की सजा सुनाई गई हो तो अयोग्यता जा सकती है
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