राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया.इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं राज्यसभा में पीएम मोदी ने अपने नए मंत्रिमंडल के सदस्यों का परिचय दिया. उनके तीसरे कार्यकाल में मंत्रिपरिषद में 30 कैबिनेट मंत्री, पांच राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्री हैं.
वहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कल से संसद के दोनों सदनों में चर्चा शुरू होगी. पीएम मोदी धन्यवाद प्रस्ताव पर 2 या 3 जुलाई को बोल सकते हैं.
राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर संविधान में प्रावधान
संसद के किसी एक सदन या एक साथ दोनों सदनों के सामने राष्ट्रपति के अभिभाषण का प्रावधान संविधान में किया गया है. संविधान के आर्टिकल 87 (1) में यह प्रावधान है कि आम चुनाव के बाद पहले सत्र और हर साल के पहले सत्र में संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति अभिभाषण देंगे.
लोकसभा चुनावों के बाद हर सांसद की शपथ के बाद और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है. जब तक राष्ट्रपति दोनों सदनों में अभिभाषण नहीं दे देते, तब तक कोई अन्य कार्य नहीं किया जा सकता. वहीं, हर साल के पहले सत्र के पहले दिन ही राष्ट्रपति दोनों सदनों में अभिभाषण देते हैं.
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद क्या होता है?
राष्ट्रपति के अभिभाषण देने के बाद इस पर चर्चा होती है. इस चर्चा के लिए समय दोनों सदनों के अध्यक्ष तय करते हैं. लोकसभा के नियम 16 और राज्यसभा के नियम 14 के मुताबिक, अध्यक्ष सदन के नेता या प्रधानमंत्री से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का समय तय करेगा.
इसके बाद लोकसभा के नियम 17 के तहत, सदन का कोई सदस्य धन्यवाद प्रस्ताव पेश करता है, जिसका अनुमोदन कोई दूसरा सदस्य करता है. इसके बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होती
लोकसभा के नियम 20 (1) और राज्यसभा के नियम 18 के तहत, धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देने का अधिकार सरकार के पास है. प्रधानमंत्री चाहें तो खुद या सरकार की तरफ से कोई मंत्री चर्चा के बाद जवाब दे सकता है.
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