जम्मू: 29 जून से पवित्र अमरनाथ यात्रा की शुरूआत होने जा रही है. अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार को जम्मू के भगवती नगर से कश्मीर के लिए रवाना होगा, यात्री पहले ही भगवती नगर यात्री निवास पर पहुंचना शुरू हो चुके हैं, जहां से वह उत्तर कश्मीर के बालटाल और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग बेस कैंप के लिए सुरक्षा गाड़ियों में रवाना होंगे.
अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों का पहला जत्था शुक्रवार सुबह 4 बजे भगवती नगर यात्री निवास से सुरक्षा गाड़ियों के साथ घाटी के लिए रवाना होगा. लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा के लिए सैकड़ों सेन्ट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) जवानों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. सीएपीएफ की और टीमें 85 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-बालटाल बेस कैंप रोड और काजीगुंड-पहलगाम बेस कैंप रोड की सुरक्षा कर रही हैं. श्रीनगर-बालटाल मार्ग पर गांदरबल जिले के मणिगाम में और काजीगुंड-पहलगाम मार्ग पर मीर बाजार में यात्रा ट्रांजिट कैंप स्थापित किए हैं.
बता दें इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक कुल 3.50 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया है और गुफा के दोनों मार्गों पर 125 लंगर यानि सामुदायिक रसोई स्थापित किए गए हैं. इन लंगरों में 7 हजार से अधिक सेवादार यात्रियों की सेवा करेंगे. जम्मू के सरस्वती धाम और गीता भवन परेड में बुधवार से तत्काल रजिस्ट्रेशन के लिए टोकन जारी होना शुरू हो गए हैं.
पहले दिन बालटाल और पहलगाम से यात्रा करने वालों के लिए एक-एक हजार टोकन दिए गए हैं. गुरुवार सुबह 7 बजे टोकन प्राप्त करने वाले यात्रियों का रजिस्ट्रेशन भी जारी है. बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए यात्रियों में उत्साह देखते ही बनता है. टोकन लेने के लिए जम्मू के सरस्वती धाम और गीता भवन में सुबह से ही लाइनें लग गईं थीं.
बीते दिनों यात्री वाहनों पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों की तैनाती को बढ़ाया गया है. इसके साथ ही ड्रोन और 365 एंगल के सीसीटीवी कैमरों से यात्री वाहनों पर नजर रखी जा रही है. जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हर 500 मीटर और एक किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षा चौकियां स्थापित की गई हैं. इन पर 24 घंटे हथियारबंद जवान तैनात रहेंगे.
पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं. इस वर्ष यात्रा के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, बीएसएफ और सीआरपीएफ से 38 पर्वतीय बचाव दल तैनात किए गए हैं. स्थानीय कुली, टट्टूवाले और मजदूर हर साल अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने में अहम योगदान देते हैं.
नुनवान (पहलगाम-गुफा मंदिर) पारंपरिक मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है, जबकि बालटाल-गुफा मंदिर मार्ग केवल 14 किलोमीटर लंबा है. पारंपरिक नुनवान (पहलगाम-गुफा मंदिर) मार्ग का उपयोग करने वाले यात्रियों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि छोटे बालटाल-गुफा मंदिर मार्ग का उपयोग करने वाले यात्री दर्शन कर उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं.
समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित श्रीअमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से हिमशिवलिंग बनता है. भक्तों का मानना है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती है. इस वर्ष 52 दिवसीय यात्रा 29 जून से शुरू होगी और रक्षा बंधन और श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर 19 अगस्त को समाप्त होगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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