भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ (S. Somanath) ने भारत के मून मिशन चंद्रयान-4 को लेकर बड़ा खुलासा किया है. बीते बुधवार को इसरो अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान-4 को चांद से मिट्टी के नमूने वापस लाने के लिए बनाया गया है. जिसको एक बार में नहीं बल्कि दो अलग-अलग रॉकेट लॉन्च करके अंतरिक्ष की कक्षा में भेजा जाएगा. फिर इसके बाद इन दोनों को जोड़कर चंद्रयान-4 बनाया जाएगा और फिर चांद की तरफ भेजा जाएगा.
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि देश के अपने अंतरिक्ष स्टेशन को बनाने में भी इस तरह की तकनीक को इस्तेमाल में लाया जाएगा. यानी अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के लिए उसके हिस्सों को एक बार में नहीं, बल्कि कई बार में भेजा जाएगा और फिर अंतरिक्ष में ही उनको जोड़कर अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण किया जाएगा. बता दें कि भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन का नाम भारत अंतरिक्ष स्टेशन यानी BAS होगा.
चंद्रयान-4 को दो हिस्सों में इसलिए लॉन्च किया जाएगा क्योंकि यह इतना भारी है कि इसरो के पास मौजूदा समय में ऐसा कोई रॉकेट नहीं है जो एक बार में एक साथ इसको ले जा सके. इसलिए दो बार में इसको ले जाया जाएगा. गौरतलब है कि चंद्रयान-4 दुनिया का पहला ऐसा यान होने जा रहे है जिसे कई भागों में लॉन्च कर अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा. चंद्रयान-4 लगभग चार सालों बाद यानी 2028 तक लॉन्च हो सकता है.
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