भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया टी20 वर्ल्ड कप 2024 का फाइनल मैच काफी रोमांचक रहा. भारतीय टीम ने 177 रनों का टारगेट दिया था, जिसे अफ्रीकी टीम हासिल नहीं कर पाई और टीम 169 रनों पर सिमटते हुए इस खिताब को खो दिया.
बता दें कि इस मैच में कई बार ऐसे मौके भी आए जब भारतीय टीम के हाथ से यह खिताब जाता दिखा लेकिन 5 ऐसे मौके आए जब भारतीय टीम ने पूरा जोर लगाया और बाजी पलट दी. इसमें चाहे कोहली-अक्षर की पार्टनरशिप हो या सूर्यकुमार यादव का कैच या फिर जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और हार्दिक पंड्या की गेंदबाजी. आइए इन 5 मौकों के बरे में जानते है जब भारतीय टीम ने पूरी बाजी ही पलट दी-
कोहली-अक्षर की साझेदारी
फाइनल में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम एक समय 34 रनों पर 3 विकेट गंवाए चुकी थी. तब सबके मन में डर आ गया था कि टीम जल्दी ना सिमट जाए. लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने शिवम दुबे, हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा के ऊपर पांचवें नंबर पर अक्षर पटेल को भेजा और उनका यह दाव एकदम कारगर साबित हुआ.
क्रीज पर जमे विराट कोहली ने पहले ही मोर्चा संभाल रखा था. फिर उन्होंने अक्षर के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 72 रनों की साझेदारी कर टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया. कोहली ने 48 गेंदों पर पचासा जमाया. यह इस वर्ल्ड कप में उनकी पहला अर्धशतक था. इस मुकाबले में उन्होंने 59 गेंदों पर कुल 76 रन बनाए. जबकि अक्षर 31 गेंदों पर 47 रन बनाकर आउट हो गए. इस शानदार साझेदारी के बदौलत भारतीय टीम ने 7 विकेट पर मैच विनिंग 176 रनों का स्कोर बनाया.
क्लासेन के विकेट से बदला मैच का रुख
177 रनों के टारगेट के का पीछा करने उतरी अफ्रीकी टीम ने कई बार मैच पर पकड़ बनाई और कई बार मैच गंवाते हुए भी दिखे. लेकिन जब हेनरिक क्लासेन क्रीज पर डटे तो माजरा अलग ही दिख रहा था. उन्होंने 27 गेंदों पर 52 रनों की आतिशी पारी खेली. उन्होंने 5 छक्के और 2 चौके लगाए. क्लासेन की पारी के बदौलत अफ्रीकी टीम ने 15 ओवर में 4 विकेट पर 147 रन बना लिए थे.
तब अफ्रीका को जीत के लिए 30 गेंदों पर 30 रन ही चाहिए थे इसके लिए उनके पास 6 विकेट बाकी थे. क्लासेन और डेविड मिलर क्रीज पर जमे थे. ये वो मौका था जब सबको लग रहा था कि ये मैज अब भारत की पकड़ से बाहर हो चुका है. लेकिन 16वें ओवर में जसप्रीत बुमराह ने सिर्फ 4 रन दिए, जिससे अफ्रीकी टीम पर दबाव बना. और फिर हार्दिक पंड्या ने अपनी शानदार गेंदबाजी से सबको चौंका दिया. 17वें ओवर की पहली ही गेंद पर हार्दिक ने क्लासेन को ऋषभ पंत के हाथों कैच आउट कराया. यहीं से पूरी बाजी पलट गई और अफ्रीकी टीम दबाव में आ गई.
5 ओवर में पंड्या-बुमराह-अर्शदीप फुल फॉम में
क्लासेन का विकेट गिरने के बाद पंड्या, बुमराह और अर्शदीप ने अपनी गेंदबाजी से ऐसा दबाव बनाया कि अफ्रीकी टीम बुरी तरह बिखर गई. पंड्या ने 17वें ओवर में 1 विकेट लेकर सिर्फ 4 रन दिए. 18वें ओवर में बुमराह ने मार्को जानसेन को शिकार बनाया. और इस ओवर में सिर्फ 2 रन दिए. 19वां ओवर बहुत खास रहा, जिसमें अर्शदीप ने सिर्फ 4 रन ही दिए. यहीं से भारतीय टीम ने जीत की नींव रखी.
पंड्या ने आखिरी ओवर में किया धमाल
आखिरी ओवर में अफ्रीकी टीम को जीत के लिए 16 रन की जरूरत थी. लेकिन कप्तान रोहित के पास तेज गेंदबाजी में पंड्या ही बचे थे. उन्होंने भरोसा जताया, जिस पर पंड्या खरे भी उतरे. उन्होंने इस आखिरी खूंखार प्लेयर डेविड मिलर को अपना शिकार बनाया. इस ओवर में 1 विकेट लेने के साथ कुल 8 रन दिए और भारत को चैम्पियन बनाया.
सूर्या का शानदार कैच और अफ्रीका से छीना खिताब
भारत की इस जीत के लिए सूर्यकुमार यादव का कैच भी बेहद अहम था. पंड्या जब आखिरी ओवर करने आए तो क्रीज पर मिलर थे, जो 21 रन बनाकर क्रीज पर जमे हुए थे. लगभग हर बॉल को उंचा उठाने वाले मिलर ने पंड्या की पहली ही बॉल पर लॉन्ग ऑफ पर बाउंड्री की ओर हवाई शॉट मारा. लेकिन वहां सूर्या दौड़ते हुए आए और उन्होंने एक धांसू कैच लपका.
ये मजारा बेहद शानदार था, जिस किसी ने भी यह कैच देखा उसने दांतों तले उंगलियां दबा लीं. सूर्या ने बाउंड्री के अंदर बॉल पकड़कर अंदर की ओर हवा में उछाली. फिर दोबारा बाउंड्री में आकर उसे कैच कर लिया. इस तरह मिलर आउट हुए और भारत की जीत के दरवाजे खुल गए.
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