नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में पेरिस ओलंपिक में जाने वाली भारतीय टीम को शुभकामनायें दी. तीन महीने के अंतरराल के बाद ‘मन की बात’ के 111वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल के साथ-साथ लोगों का दिल भी जीतेंगे.
उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक खेलों में अपने प्रदर्शन से खिलाड़ियों ने हर भारतीय का दिल जीत लिया. इसके बाद से ही खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक की तैयारियां कर रहे हैं. पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल इस बार अधिक खेलों में भाग ले रहा है. खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने लोगों से “चीयर4भारत” हैशटेग पर अपनी शुभकामनायें भेजने के लिए कहा.
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन महीने के लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में अपनी अटूट आस्था दोहराने के लिए देशवासियों का आभार व्यक्त किया. साथ ही चुनाव आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की.
उन्होंने 30 जून को आदिवासी समुदाय के त्योहार ‘हुल दिवस’ के बारे में बात की और कहा कि यह दिन वीर सिद्धु-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है. वीर सिद्धो कान्हू ने हजारों संथालियों को एकजुट कर 1855 में अंग्रेजों का मुकाबला किया था.
प्रधानमंत्री ने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू हुए विशेष अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ में भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि लोग #प्लांट4मदर और #एक_पेड़_मां_के_नाम के साथ अपनी तस्वीरें साझा करके दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं.
कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि केरल की कार्थुम्बी छतरियां क्यों खास है. केरल के अट्टापटी में तैयार किए जाने वाले यह खास छाते आदिवासी महिलायें तैयार करती हैं और समय के साथ उनकी मांग बढ़ रही है. इसके अलावा उन्होंने आंध्र प्रदेश की अराकू कॉफी के बारे बताया जिनकी पूरी दुनिया में बहुत मांग है. उन्होंने पुलवामा के मटर के बारे में बताया जिनकी पहली खेप को हाल ही में लंदन भेजा गया है.
दुनियाभर में भारतीय भाषा, संस्कृति और योग को मिलते आदर व स्नेह का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि कुवैत सरकार ने राष्ट्रीय रेडियो पर हिन्दी में एक खास कार्यक्रम शुरू किया है. इसके लिए उन्होंने स्थानीय सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि तुर्कमेनिस्तान में राष्ट्रीय कवि की जयंती पर 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमायें लगाई गई हैं. इसमें गुरुदेव रविन्द्रनाथ टेगौर की भी प्रतिमा है.
आकाशवाणी की संस्कृत सेवा के पच्चास वर्ष पूरे होने के खास अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इन वर्षों में कार्यक्रम ने देशवासियों को संस्कृत से जोड़े रखा. इसी क्रम में उन्होंने बेंगलुरू के कब्बन पार्क का जिक्र किया जहां लोगों ने हर हफ्ते रविवार को संस्कृत में बात करने की पहल शुरू की है. इसकी शुरुआत एक वेबसाइट के जरिए समष्टि गुब्बी ने की थी.
प्रधानमंत्री ने आगामी जगन्नाथ यात्रा और शुरू हो चुकी अमरनाथ यात्रा का भी कार्यक्रम में उल्लेख किया.
हिन्दुस्थान समाचार
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