यूपी के किसानों को प्रदेश सरकार ने सौगात दी है. प्रदेश की योगी सरकार ने अब सभी किसानों के लिए फॉर्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी है. इसके माध्यम से किसानों को फसली ऋण, फसली बीमा, आपदा राहत, परामर्श आदि सुविधाएं पाने में बहुत आसानी होगी. जानकारी ये भी है कि जिन किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री हो जाएगी वो ही किसान 19वीं किसान सम्मान निधि पाने के हकदार होंगे.
क्या है फॉर्मर रजिस्ट्री?
किसान रजिस्ट्री, किसानों का डिजिटल डाटा बेस होगा. इसमें किसान की यूनीक आईडी बनाई जाएगी. इसके लिए खसरा खतौनी में दर्ज अभिलेख का उपयोग किया जाएगा और किसानों को गोल्डन कार्ड दिया जाएगा. बता दें फार्मर रजिस्ट्री के लिए किसानों को आधार कार्ड और उससे लिंक मोबाइल नंबर की आवश्यकता है.
फॉर्मर रजिस्ट्री के फायदे
किसानों को आधार की तर्ज पर किसान कार्ड जारी किए जाएंगे. इससे पात्रों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहूलियत होगी और ऋण से लेकर विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन करने वाले किसानों को बार-बार राजस्व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने पड़ेंगे. एक क्लिक पर उनका सारा रिकॉर्ड निकल आएगा.
एक बार डाटा तैयार होने के बाद भविष्य में किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अलग से सत्यापन नहीं करवाना होगा. प्रदेश के किसान अपनी उपज बढ़ाने और बाजार की जानकारी के लिए कृषि वैज्ञानिकों से खेती से संबंधित सलाह भी ले सकेंगे.
फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से विभिन्न फसलों के संभावित उत्पादन एवं वास्तविक उत्पादन के आंकड़े भी आसानी से जुटाए जा सकेंगे. इसके अलावा कृषि उत्पादों का विपणन भी सुविधाजनक होगा.
8 जुलाई से सभी गांवों में लगेंगे शिविर
8 जुलाई से प्रत्येक ग्राम पंचायत में शिविर लगाए जाएंगे. जिसमें लेखपाल, पंचायत सहायक से लेकर कर्मचारी मौजूद रहेंगे. जो किसानों का पूरा डाटा एकत्रित कर किसान कार्ड जारी करेंगे. समय से कागजात मुहैया न करने पर किसानों को आने वाले समय में सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पाएगा.
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