दिल्ली शराब घोटाले मामले में जेल में बंद सीएम केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आज सुनवाई की. हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब मामले की सुनवाई 17 जुलाई को होगी.
बता दें कि केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती देनी वाली याचिका दायर की थी. साथ ही केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट के रिमांड पर भेजने वाले आदेश को भी उच्च न्यायलय में चुनौती दी. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की.
दरअसल शराब घोटाले केस की जांच कर रही सीबीआई ने 26 जून को पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. वहीं लोअर कोर्ट ने भी केजरीवाल की 3 दिन की रिमांड सीबीआई को सौंप दी थी. 29 जून को दोबारा कोर्ट ने 12 जुलाई तक केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
केजरीवाल के वकील ने दिया तर्क
केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सीएम के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “गिरफ्तारी की आवश्यकता क्या है? जून में सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार करने का कोई सवाल ही नहीं था क्योंकि सीबीआई की एफआईआर अगस्त 2022 की है. सीबीआई ने केजरीवाल को अप्रैल 2023 में बुलाया और नौ घंटे तक पूछताछ की, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया.”
सिंघवी ने कहा, “वर्ष 2022 की प्राथमिकी पर 2023 के अप्रैल में पूछताछ की गई और अब जून 2024 में गिरफ्तार हुई है. ऐसे में गिरफ्तारी की तात्कालिकता या आवश्यकता नहीं दिखाई दे रही. एजेंसी के पास गिरफ्तारी का कोई कारण या आधार होना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि गिरफ्तारी मेमो में कुछ कारण होने चाहिए. केजरीवाल पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे. गिरफ्तारी मेमो उल्लेखनीय है, जिसमें क्यों, कैसे, किस प्रकार की जानकारी नहीं दी गई.”
CBI और ED दोनों कर रहीं मामले की जांच
दोनों केंद्रीय एजेंसियां कथित दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर ही है. प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी शराब घोटाले से ज़ुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वहीं CBI शराब नीति में भ्रष्टाचार को लेकर जांच कर रही है. इस केस में 26 जून को केजरीवाल को दोबारा गिरफ्तार किया गया.
सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका लगाएंगे केजरीवाल
मनी लॉन्ड्रिंग केस में लोअर कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दी थी. ED इसके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गई. जहां 25 जून को हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट का फैसला पलट दिया और केजरीवाल को बेल नहीं मिल सकी. वहीं केजरीवाल ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन 26 जून को सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायलय से अपनी याचिका वापस ले ली. केजरीवाल के वकील का कहना है कि वो नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल करेंगे.
क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति?
करीब ढाई साल पहले 17 नवंबर 2021 को दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की सरकार ने नई शराब नीति को राजधानी में लागू कर दिया. इसके तहत दिल्ली को 32 जोनों में बांटा गया और जोन में 27 शराब की दुकाने खोलने की बात कही गई यानि की दिल्ली में 849 शराब की दुकानें खुलनी थी. वहीं सरकार ने शराब कारोबार से अपने आप को अलग कर लिया यानि कि पूरा शराब कारोबार प्राईवेट सेक्टर के हाथों में चला गया.
नई नीति के लागू होने से लाइसेंस की फीस में कई गुना बढ़ोत्तरी हो गई. केजरीवाल सरकार ने अनुमान ये लगाया था कि इस नीति के बाद 3500 करोड़ का सीधा फायदा होगा लेकिन नई नीति लागू होने के बाद राजस्व में भारी कमी के आरोप लगने लगे. विवाद जब बड़ गया कि सितंबर 2022 में सरकार ने नई पॉलिसी रद्द कर पुरानी पॉलिसी ही लागू कर दी.
क्या था शराब घोटाला?
सबसे पहले दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को सौंपी जिसमें शराब नीति में अनियमितताओं की बात कही गई थी. जिसके बाद एलजी ने शराब नीति की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी. पहले आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. फिर 9 समन भेजने के बाद पेश नहीं होने पर 21 मार्च 2024 को केजरीवाल को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप है की दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया. इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला था. आरोप ये भी है कि इसके लिए आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी. साउथ के कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. इससे मिले पैसे को इस्तेमाल गोवा विधानसभा के चुनाव प्रचार में किया गया.
मामले में कैसे फंसे केजरीवाल?
शराब घोटाले मामले में तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता को भी ईडी ने अरेस्ट किया गया था. उनके एक अकाउंटेंट हैं- बुचीबाबू, ये वही शख्स है जिससे ईडी ने कई घंटे पूछताछ की थी. सवाल-जवाब के दौरान उसने ही सबसे पहले अरविंद केजरीवाल का नाम लिया था. उसने दावा किया था कि के कविता, मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के बीच में एक राजनीतिक समझ चल रही थी. वहीं शराब घोटाले में ईडी ने दिनेश अरोड़ा और वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी को भी गिरफ्तार किया था. इनके साथ भी केजरीवाल की कई बार मुलाकतें हुईं.
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