उत्तराखंड राज्य में बीते कुछ सालों में मुस्लिम जनसंख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है जोकि एक चिंता का विषय भी है. लगातार हो रहे इस जनसंख्या परिवर्तन के चलते असम के बाद अब उत्तराखंड ऐसा राज्य बन गया है जहां मुस्लिम जनसंख्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है जिसमें से अधिकांश लोग बाहरी हैं. चंद दिनों पहले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस गंभीर विषय पर चिंता व्यक्त की और बढ़ती आबादी के वेरीफिकेशन की बात भी कही है.
धामी सरकार कर रही है सत्यापन नियम की तैयारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात को माना गया है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों ने भूमि पर अतिक्रमण किया है, यह लोग न केवल भूमि पर कब्जा करते है बल्कि राज्य के संसाधनों पर भी अतिरिक्त भार डालने का काम करते हैं. उनकी तरफ से कहा गया कि जैसे वन विभाग ने जंगलों में अभियान चलाया था ठीक उसी प्रकार से शहरी इलाकों में भी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त करवाया जाएगा.
इन 4 जिलों में बढ़ी है मुस्लिम जनसंख्या
आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते कुछ सालों में यहां मुस्लिम जनसंख्या दूसरे धर्मों की तुलना में तेजी से वृद्धि हुई है. मैदानों की स्थिति और भी खराब है जहां कुल जनसंख्या का केवल 34 प्रतिशत मुसलमान ही हैं. अकेले चार जिलों उधमसिंह नगर में 32 प्रतिशत, नैनीताल और देहरादून में 32-32 और पौढ़ी में मुस्लिम जनसंख्या बढ़ी है. उत्तराखंड में मूल निवासियों की तरफ से सख्त भू कानूनों को बनाने का मुद्दा हमेशा से उठाया जाता रहा है. वहीं मुस्लिम घुसपैठियों को रोकने के लिए प्रदेश की सरकार एस सशक्त भू कानून लाने की तैयारी कर रही है.
बता दें उत्तराखंड ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कोई ढंग का भू कानून नहीं है. जनसंख्या में संतुलन लाने के लिए और संसाधनों पर पड़ते दबाव को कम करने के लिए जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश की तरफ ही उत्तराखंड में भूमि को लेकर कठोर कानून लागू किया जाए.
जनसंख्या असंतुलन पर क्या कहते हैं आंकड़े?
उत्तराखंड के सांख्यिकीय डाटा को देखें तो वर्ष 2001 में राज्य में मुस्लिम जनसंख्या 11.9 प्रतिशत थी, यह वर्ष 2011 में बढ़कर 13.9 प्रतिशत हो गई. वहीं वर्ष 2022 यह आंकड़ा बढ़कर 16 तक होने का अनुमान लगाया गया था. तेजी से बढ़ती इस संख्या के चलते अब उत्तराखंड असम के बाद दूसरा राज्य बन गया है जहां मुस्लिम जनसंख्या ज्यादा है. उत्तराखंड के निचले भागों में जहां बार्डर उत्तर प्रदेश से लगता है वहां नदी के किनारे बसे लोगों में 99 प्रतिशत तक जनसंख्या मुसलमानों की है. वहां की 4 प्रमुख नदियों में खनन का काम होता है जिसके लिए श्रमिक काम के लिए आते थे और रहते थे. वहीं बरसात के सीजन में यह लोग अपनी जगहों पर वापस लौट जाते थे. धीरे-धीरे यह जगह उनके स्थायी निवास बन गए. कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के समय अवैध अतिक्रमणों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. यह सभी आंकड़े इस बात को स्पष्ट करते है कि राज्य में तेजी के बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाना जरूरी हो गया है.
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