सोमवार को राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कई विवादास्पद बयान दिया, जिसे संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. राहुल ने अपने भाषण में हिंदुओं, अल्पसंख्यकों और अंबानी-अडानी को लेकर विवादित बयान दिए. 100 मिनट तक बेहद आक्रामक रूप में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार पर खूब हमला बोला. उनके बयान को लेकर सदन से लेकर सड़क तक जमकर बवाल हुआ. सदन में सत्ता पक्ष के लोगों ने राहुल गांधी का जमकर विरोध किया और उनसे माफी की मांग की. राहुल गांधी ने अब तक माफी तो नहीं मांगी लेकिन उनके भाषण के कुछ हिस्सों को सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया है.
इन बयानों को हटाया गया
राहुल गांधी ने हिंदुओं और हिंसा को लेकर जो बयान दिए थे, उन्हें संसद की कार्यवाही से हटा दिया
गया है।
अल्पसंख्यकों के साथ भाजपा द्वारा अनुचित व्यवहार किया जाता है। इसे भी हटा दिया गया है।
अग्निवीर सेना नहीं, पीएमओ की योजना है, इसको भी हटाया गया है।
राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा 24 घंटे नफरत और हिंसा फैलाती है। यह बयान भी कार्यवाही का हिस्सा नहीं है।
राहुल ने कहा था, जब मैं पीएम मोदी की ओर देखता हूं तो वो मुस्कुराते नहीं हैं। यह बयान भी हटा दिया गया है।अंबानी और अडानी
राहुल गांधी द्वारा को लेकर की गई टिप्पणियां भी अब रिकॉर्ड में नहीं हैं।
-कोटा में नीट की परीक्षा सेंट्रलाइज्ड है और अमीरों को फायदा पहुंचाने वाली बात भी हटा दी गई है।
बतौर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का पहला भाषण
आपको बता दें कि चुनाव के बाद ये पहला मौका था जब बतौर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में अपना भाषण पेश किया. इस दौरान राहुल ने कई विवादित बयान दिए. राहुल ने हिंदू समाज को हिंसक बताया. इसके अलावा कई और विवादास्पद बाते कही. इस बीच कई बार पीएम मोदी ने अपनी सीट से उठकर विरोध जताया. पीएम के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान ने भी विरोध जताया.
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