उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र स्थित रतिभानपुर में सत्संग समापन के बाद मची भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग घायल बताए जा रहें. इस भगदड़ का कारण अधिक भीड़ जमा होना बताया जा रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि इस सत्संग के लिए इतनी भीड़ क्यों उमड़ी और कौन हैं वो बाबा जिसका सत्संग सुनने के ये भीड़ जमा हुई थी.
कौन है साकार विश्व हरि भोले बाबा
बता दें कि यह सत्संग कार्यक्रम साकार विश्व हरि भोले बाबा का हो रहा था, अनुयायी इन्हें भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं. इनका असली नाम सूरज पाल है. इनके सत्संग में हमेशा ही हजारों की तादाद में लोग शामिल होते हैं. इनके सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है. 2 वर्ष पहले भी जब देश में कोराना की लहर चल रही थी, उस समय यूपी के फर्रुखाबाद में मई, 2022 में इनके सत्संग का आयोजन किया गया था. कोरोना के चलते जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग सुनने पहु्ंचे थे. उस भीड़ की वजह से शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. उस समय भी जिला प्रशासन ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी.
पहेल करते थे नौकरी फिर बन गए बाबा
सूरज पाल एटा जिले बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं. अध्यात्म की दुनिया में आने से पहले वह गुप्तचर विभाग में थे. नौकरी में तैनाती के दौरान ही उन्होंने सत्संग शुरू किया. फिर कुछ समय बाद नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए. पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में इनकी ख्याती तेजी से बनने लगी. इनके अनुयायियों की संख्या लाखों में है. अनुयायियों की अधिक संख्या उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश से है.
राजनीति से भी कनेक्शन
नारायण हरि का कनेक्शन राजनीति से भी है. कुछ मौकों पर यूपी के कई बड़े नेताओं को उनके मंच पर देखा जा चुका है. इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है.
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