नई दिल्ली: देश के पहले सूर्य मिशन, आदित्य एल-1 को लेकर अच्छी खबर है. मंगलवार को आदित्य एल-1 ने सूर्य के पहले प्रभामंडल कक्षा का पूरा एक चक्कर लगा लिया है और दूसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया है. आदित्य एल-1 को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगे.
मंगलवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके बताया कि आदित्य-एल-1 ने सूर्य-पृथ्वी एल-1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहली प्रभामंडल कक्षा का पूरा एक चक्कर लगा लिया है. इस कक्षा में आदित्य एल-1 को 6 जनवरी को स्थापित किया गया था, इस उपलब्धि को पूरा करने में उसे 178 दिन लगे.
इसरो ने कहा कि मंगलवार को अंतरिक्ष यान को स्टेशन-कीपिंग पैंतरेबाज़ी की मदद से सूर्य के दूसरी प्रभामंडल कक्षा में आसानी से स्थापित कर दिया गया. यह कामयाबी इसरो द्वारा विकसित उड़ान गतिशीलता सॉफ्टवेयर की सफलता को सत्यापित करता है.
उल्लेखनीय है कि आदित्य एल-1 को 2 सितंबर-2023 को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी 57 द्वारा लॉन्च किया गया था. 6 जनवरी को इसे लैग्रेंज प्वाइंट पर पहली कक्षा में स्थापित कर दिया गया था. मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सौर वायुमंडल, विशेष रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सौर फ्लेयर्स और सौर कोरोना की रहस्यमय हीटिंग जैसी घटनाओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त करना है.
हिन्दुस्थान समाचार
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