हाथरस के रितभानपुर स्थित पुलराई गांव में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से अबतक 121 लोगों की मौत हो गई. वहीं दर्जनों लोग लोग घायल हो गए. मृतकों का पोस्टमार्टम कराके शव उनके परिजनों को सौंपे जा रहे हैं. इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ हाथरस पहुंचे हैं. सीएम योगी ने हाथरस के सरकारी अस्पताल पहुंच कर हादसे में घायल लोगों से मुलाकात की.
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath meets and inquires about the health of the persons injured in the stampede incident, at Hathras government hospital pic.twitter.com/HW5u4q4ziv
— ANI (@ANI) July 3, 2024
हादसे के जिम्मेदार लोगों को योगी की चेतावनी
हाथरस की घटना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि घटना का दोषी कोई भी हो, वो बचेगा नहीं, उस पर कठोर कार्रवाई होगी. सीएम योगी खुद आज हाथरस पहुंतचे और घटना की जानकारी लेंगे. वहीं सीएम योगी ने हाथरस घटना को लेकर बैठक भी की और वो घटनास्थल पर भेजे गए तीनों मंत्रियों, मुख्य सचिव और DGP से लगातार संपर्क में हैं.
मंजर देश सिपाही की हार्ट अटैक से मौत
लाशों के लगे ढ़ेर को देखकर यूपी पुलिस के एक सिपाही को हार्ट अटैक तक आ गया और उसकी मौत हो गई. बता दें इस सत्संग का आयोजन ‘भोले बाबा’ उर्फ बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि के संगठन की ओर से किया गया था. हादसे के बाद से ही बाबा फरार है. यूपी पुलिस देर रात बाबा की तलाश करती रही. पुलिस ने मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में सर्च ऑपरेशन चलाया. वहीं पुलिस ने सत्संग आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की है. हादसे की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया है. PAC के 3 कमांडेंट घटनास्थल पहुंच चुके हैं.
कैसे हुआ हादसा?
बताया जा रहा है कि जैसे ही सत्संग खत्म हुआ और बाबा कार में बैठकर रवाना हो रहे थे. तभी उनके दर्शन और पैर छूने के लिए लोग की भीड़ दौड़ती रही. कहा ये भी जा रहा है. जहां-जहां बाबा के पैर पड़े. वहां की मिट्टी उठाने के लिए लोगों में होड़ मच गई. लोग पैर छूने के चक्कर में भागे और खेत में भरे पानी और कीचड़ में फंसकर गिर पड़े. जिसके बाद एक के बाद एक लोग गिरते चले गए.
भारी भीड़ के बावजूद सुरक्षा इंतजाम नहीं
आयोजकों को मालूम था कि सत्संग में भारी भीड़ होने जा रही है फिर भी लापरवाही बरती गई. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए. एंबुलेंस की व्यवस्था भी सत्संग कैंपस में नहीं थी. एंट्री- एग्जिट के गेट नहीं बनाए गए थे. कहने का तात्पर्य है कि बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के बस पंडाल बनाकर सत्संग किया जा रहा था.
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