यूपी के रूहेलखंड इलाके में इस्लाम छोड़ हिन्दू धर्म अपनाने वाली युवतियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सनातन जीवनशैली और संस्कृति फिर से इन युवतियों की घरवापसी की प्रेरणा बनी है. अब बरेली जिले में एक ही दिन दो मुस्लिम लड़कियों ने फिर से सनातन धर्म अपना लिया है. महक खानम अब सोनम सक्सेना और रिफा बी नाम की लड़की अब रिया सागर नाम से जानी जाएगी. ये दोनों युवतियां अब अपने हिन्दू प्रेमियों के साथ विवाह बंधन में बंध गई. दोनों ही युवतियों ने पूरे विधि विधान के साथ विवाह की रस्मों को पूरा किया और हिन्दू देवी-देवताओं के जयकारे लगाए.
रिफा बी से रिया सागर बनने तक का सफर
रिफा बी यानि रिया सागर मूल रूप से बरेली की ही रहने वाली हैं. यरिफा महज 8वीं तक पढ़ाई कर सकी है. स्कूल जाते समय उनकी मुलाकात राहुल सागर नामक युवक से होती थी. एक दिन राहुल ने रिफा को प्रोपेज कर दिया. और रिफा ने उसे एक्सेप्ट कर लिया. फिर दोनों के बीच मुलाकातों का दौर शुरू हुआ. महज कुछ दिनों की दोस्ती में दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया. लेकिन रिफा के घरवालों को रिश्ता मंजूर नहीं था. उन्होंने रिफा पर सख्त पाबंदियां लगा दी. लेकिन कहते हैं ना जोड़ियां तो भगवान बनाता है. 1 जुलाई को राहुल और रिफा बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम पहुँचे. उन्होंने सभी जरूरी कागजात आश्रम के पुजारी पंडित के के शंखधर को दिखाए, फिर दोनों की शादी करा दी गई.
मेहक खानम बनीं सोनम सक्सेना
22 साल की मेहब खानम से सोनम सक्सेना बनी युवती ने भी अगत्स्य मुनि आश्रम में अपने प्रेमी अंश सक्सेना से विवाह कर लिया. बता दें महक मूलरूप से रामपुर जिले की रहने वाली हैं. मेहक ने बताया कि अंश सक्सेना अक्सर उनके पड़ोस में आया करता था. यहाँ दोनों ने एक दूसरे को देखा और पसंद करने लगे. कुछ दिनों की मुलाकात के बाद मेहक और अंश ने शादी का फैसला किया. मेहक के परिजनों को भी हिन्दू लड़के से रिश्ता मंजूर नहीं था. घरवालों ने उसके बाहर निकलने पर पाबन्दी लगा दी. लेकिन 1 जुलाई को मेहक अपने प्रेमी के साथ अगत्स्य मुनि आश्रम पहुँची. दोनों ने खुद को बालिग़ बताते हुए अपने कागजात पंडित के के शंखधर दिखाई. शुद्धिकरण के बाद उन्होंने सनातन धर्म अपना लिया और अंश सक्सेना से विवाह कर लिया.
आचार्य शंखधार कराते हैं घर वापसी
बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में आचार्य शंखधार लड़कियों की घर वापसी कराते हैं. आचार्य पंडित केके शंखधार तमाम कानूनी पेचीदगीयों को ध्यान में रखकर युवतियों के बालिग होने के साक्ष्य हासिल करते हैं. बालिग होने के प्रमाण सामने आने के बाद ही वह घर वापसी और शादी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं.
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