यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दो दर्जन लोग घायल बताए जा रहे हैं. घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद घटनास्थल का दौरा किया और पूरे इलाके का मुआयना किया. सीएम योगी ने अस्पताल जाकर घायलों का हाल-चाल भी जाना. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा कि इस घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के निर्देश पर हादसे की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज ब्रजेश कुमार की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया है. रिटायर्ड आईएएस हेमंत राव और रिटायर्ड आईपीएस भावेश कुमार आयोग के सदस्य होंगे.
इस आयोग को 2 महीने में जांच कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेनी होगी.
भोले बाबा ने खुद को बताया बेकसूर
हाथरस हादसे पर स्वयंभू संत साकार विश्व हरि भोले बाबा का बयान भी सामने आया है. बाबा ने समागम के दौरान मरने वालों के प्रति संवेदना जताई है. इसके साथ ही ये सफाई दी है कि वह समागम में भगदड़ होने से बहुत पहले ही निकल चुके थे. वहीं बाबा ने भगदड़ के लिए असमाजिक तत्वों को जिम्मेदार बताया है. बाबा ने लिखित बयान जारी कर ये भी बताया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह को अधिकारिक तौर पर अपना वकील नियुक्त किया है.
पुलिस ने इस घटना में एफआईआर दर्ज कर ली है लेकिन मुख्य आयोजनकर्ता अभी भी फरार चल रहा है.
कैसे हुआ हादसा?
दरअसल सत्संग के बाद बाबा जा रहे थे तो उनके चरण छूने के लिए लोगों की भीड़ उनके पीछे- पीछे चल पड़ी. कहा ये भी जा रहा है कि बाबा के चरण जहां जहां पड़े वहां की रिज यानि मिट्टी लेने के लिए लोगों की होड़ लग गई. इसी दौरान भगदड़ मच गई. खेत में पानी भरा होने की वजह से कई लोग उसमें फंस गए. और उसके बाद एक के बाद एक उनके ऊपर गिरते गए. खेत में दम घुटने से लोगों की मौत हो गई. हादसे की सबसे बड़ी वजह लापरवाही सामने आई है जब पुलिस प्रशासन और आयोजकों को मालूम था कि बड़ी संख्या में भीड़ आने वाली है तो भी उन्होंने सुरक्षा का कोई ठोस बंदोबस्त नहीं किया. अब जांच के बाद ही सामने आएगा कि आखिर हाथरस हादसे का असली गुनहगार कौन है.
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