संसद के विशेष सत्र का समापन हो चुका है. वहीं सत्र के आखिर के दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों के शपथ के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब नए नियम के मुताबिक, माननीयों को शपथ के बाद कोई भी नारा लगाने की अनुमति नहीं होगी.
स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन के कामकाज को सही ढंग से चलाने और सदन की गरिमा बनाने रखने के लिए महत्वपूर्ण संशोधन किया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने ‘अध्यक्ष के निर्देशों’ में ‘निर्देश-1’ में एक नया खंड जोड़ा है. निर्देश-1 के नए खंड-तीन के मुताबिक, अब सदस्य सिर्फ शपथ लेंगे और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे, इस दौरान वे किसी भी अन्य शब्द या किसी मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे. सांसद शपथ के प्रारूप के अतिरिक्त कुछ नहीं बोल सकेंगे. कोई अन्य टिप्पणी या नारेबाजी भी नहीं कर पाएंगे और अगर कोई ऐसा करता है तो स्पीकर के पास कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रहेगा. इसके लिए स्पीकर ने नियम 389 में संशोधन कर दिया है.
शपथ ग्रहण के बाद कई सांसदों ने लगाए थे अन्य नारे
हाल ही में लोकसभा सांसदों की शपथ ग्रहण के दौरान कई सांसदों ने शपथ के अलावा अन्य नारे लगाए. जिसमें AIMIM के सांसद असुदुद्दीन औवेसी ने जय फिलस्तीन के नारा लगाया. जिसपर विवाद खड़ा हो गया था. वहीं बीजेपी सांसद छत्रपाल गंगवार ने हिंदू राष्ट्र की जय का नारा लगाया. सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने जय अयोध्या, जय अवधेश का नारा लगाया. वहीं कई महापुरूषों के बारे में भी टिप्पणियां की गई. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया था कि सांसद शपथ ग्रहण के बहाने अपने अपने राजनीतिक संदेश दे रहे हैं. लोकसभा स्पीकर ने ऐसे सभी नारों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया था और ऐसी बयानबाजी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही थी.
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