झारखंड मुक्ति मोर्चा यानि जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं. उन्होंने राजभवन में सूबे के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
दरअसल हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. वो पिछले 5 महीनों से जेल में बंद थे. जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और 2 फरवरी को चंपई सोरेन को राज्य का सीएम बनाया गया था. लेकिन झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को जमानत दी थी. जिसके बाद इंडिया गठबंधन के दलों की बैठक हुई और बैठक में ही हेमंत सोरेन को फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ.
चंपई सोरेन ने कल राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मिलकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. वो इस पद पर महज 152 दिन ही रह सके. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, आरजेडी के मंत्री सत्यानंद भोक्ता और भाकपा (माले)-एल के विधायक विनोद सिंह शामिल थे. गांडेय से विधायक और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं. चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
झारखंड विधानसभा की स्थिति
झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं. इंडिया गठबंधन के पास 45 विधायक हैं. जिसमें जेएमएम के 2 7, कांग्रेस के 17 और आरजेडी का 1 विधायक शामिल हैं. ऐसे में इंडिया गठबंधन के पास झारखंड विधानसभा में बहुमत है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हेमंत सोरेन कल शाम राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं. बता दें झारखंड में इसी साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. इससे पहले हेमंत सोरेन को राज्य की कमान सौंपना किसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
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