लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन टूट गया है. आगामी हरियाणा और दिल्ली विधानसभा का चुनाव दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ेंगी. ये बात कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कही है. उनसे पहले आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. बता दें दोनों पार्टियों ने बीजेपी को मात देने के लिए दिल्ली और हरियाणा में हाथ मिलाया था लेकिन दिल्ली में इंडिया गठबंधन खाली हाथ रहा तो हरियाणा में कांग्रेस 5 सीटें निकालने में सफल रहीं. वहीं आम आदमी पार्टी दोनों ही राज्यों में खाता नहीं खोल पाई. हालांकि पंजाब में दोनों दलों ने अलग-अलग ही चुनाव लड़ा था. अब राज्यों के विधानसभा चुनावों में दोनों ही दल एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी करते नजर आएंगे.
हरियाणा और दिल्ली में राहें अलग क्यों?
हरियाणा में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं वहीं दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव है. केजरीवाल कथित दिल्ली शराब घोटाले मामले के जेल में बंद हैं. जब वो जमानत पर बाहर आए थे तो उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया था लेकिन केजरीवाल को सिम्पैथी वोट नहीं मिले. जिसके बाद कांग्रेस भी केजरीवाल एंड पार्टी से बचती नजर आ रही है और वो भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे आप नेताओं के साथ जाने से परहेज भी कर रही है. वहीं आम आदमी पार्टी केजरीवाल के जेल जाने से कुछ कमजोर पड़ी है लेकिन वो किसी भी कीमत पर दिल्ली में तीसरी बार सरकार रिपीट करना चाहती है. पिछले दो विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी पर भरपूर भरोसा जताया है. अगर वो कांग्रेस से हाथ मिलाती है तो उसे विधानसभा चुनाव में कई सीटें कांग्रेस को देनी पड़ेगी. पार्टी ये कतई नहीं चाहेगी कि उसका वोट बैंक कांग्रेस में शिफ्ट हो. वहीं हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है और कांग्रेस पार्टी हरियाणा में इस बार अपने दम पर सरकार बनाना चाहेगी. आम आदमी पार्टी दिल्ली, पंजाब के बाद हरियाणा में अपना खाता खोलने की कोशिश करेगी.
महाराष्ट्र और झारखंड में ‘इंडिया’ गठबंधन कायम
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड में इंडी गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा. समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में जयराम रमेश ने कहा कि राज्यों के चुनावों के लिए इंडी गठबंधन द्वारा अपनाए जाने वाला कोई एक फॉर्मूला नहीं है. उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन उन राज्यों में ही मिलकर लड़ेगा, जहां कांग्रेस नेता और अन्य गठबंधन सहयोगी इस तरह के गठजोड़ पर सहमत होंगे.
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