देश को तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमता यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अव्वल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पहल शुरू की है. केंद्र सरकार ने नई छलांग लगाने के लिए 10 हजार करोड़ रूपये के एआई मिशन को जल्द शुरू करने की बात कही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग सभी क्षेत्र में बढ़ाने के कारण ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU)की मांग भी बहुत ज्यादा बढ़ गई है. केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं प्रद्योगिकी मंत्री अश्निनी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार 2 से 3 महीनों के भीतर 10 हजार करोड़ रूपये का एआई मिशन लॉन्च करेगी. उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण मिशन के तहत घरेलू उद्योग द्वारा संचालित AI सिस्टम्स के लिए GPU खरीदने में मदद मिलेगी.
बता दें 7 मार्च 2024 को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ पांच साल के लिए ‘इंडिया एआई मिशन’को मंजूरी दे गई थी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एआई मिशन की घोषणा पिछले साल ही कर दी थी. उन्होंने कहा था कि एआई की कम्प्यूटिंग क्षमताओं पर काम किया जाएगा. तब ही यह कुछ-कुछ साफ हो गया था कि सरकार एआई को बढ़ावा देने के लिए फंड जारी कर सकती है.
AI मिशन से क्या होगा फायदा?
केंद्र की मोदी सरकार एआई को लगातार बढ़ावा दे रही है. 10 हजार करोड़ रूपये की राशि का इस्तेमाल बड़े कंप्यूटिंग ढांचे के सृजन पर किया जाएगा. सरकार इन पैसों को उन कंपनियों को देगी जो एआई आधारित सॉल्यूशंस पर काम कर रही हैं. एआई पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए 10,000 से अधिक जीपीयू वाली सुपरकंप्यूटिंग क्षमता विभिन्न हितधारकों को उपलब्ध कराई जाएगी. एआई संबंधित स्टार्टअप्स को इससे काफी मदद मिलेगी और देश में नए एआई टूल्स को बढ़ावा मिलेगा. स्टार्टअप, शिक्षा जगत, शोधकर्ताओं और उद्योग को भारत एआई मिशन के तहत स्थापित एआई सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान की जाएगी. मिशन के तहत एक राष्ट्रीय डेटा प्रबंधन अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो डेटा की गुणवत्ता में सुधार करने और उन्हें एआई विकास और तैनाती के लिए उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों के साथ समन्वय करेगा.
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